शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

जाने आपका ईष्ट देव या देवी कौन है??

जाने आपका ईष्ट देव या देवी कौन है??
आईये हम पहचाने की हमारे ईष्ट कैसे हो??
।।ॐ शिव गोरक्ष योगी।।

चलिये कलप्ना के सफेद कागज पर एक “आकृ्ति” का निर्माण करे !!
अपने आप से कुछ प्रशन करे !!
किन्तु पहले आप अपने आप को वचन दे!
कि आप वही लिखेगे जो आपकी पसंद हो किसि और की नही !!
मात्र आप और आपके मन की बात !!
पहले चयन करे वह आकृ्ति
1. वह आकृ्ति स्त्रीं है या पुरुष?
2. वह आकृ्ति की अवस्था कौन सी है?
जैसे शिशु अवस्था,बाल्यावस्था,तरुणावस्था,युवावस्था,प्रौढावस्था या वृ्द्धावस्था ?
3.उस आकृ्ति का रंग कौन सा है??
जैसे- काला गोरा और मिश्रीत रंग
4. वह आकृ्ति वस्त्र हिन है वस्त्र सहीत?
5.आकृ्ति के वस्त्र का रंग?
6.आकृ्ति का वर्ण कौन सा हो चयन करे ?
जैसे-ब्राह्मण,क्षत्रिय, वैश्य या शुद्र
7. उस आकृ्ति की दैहिक अवस्था कैसी हो?
जैसे सुगठित या कृ्पण
8. उस आकृ्ति के केशो की अवस्था कैसी हो?
जैसे-छोटे केश, बडे केश, मध्यम केश या केश हीन
9. उस आकृ्ति की मुद्रा कैसी हो?
जैसे-खडि मुद्रा,बैठी मुद्रा या चलती मुद्रा
10.आप को किस जिव से प्रेम है?? या नही है?
11. उस आकृ्ति का स्वभाव कैसा हो?
जैसे-सात्विक,राजसिक या तामसिक

12.अपको किस जिव से भय है?
13. उस आकृ्ति को आप कौन सा पुष्प प्रदान करेगें??
14. यह आकृ्ति शाकाहारी है या मांसाहारी ?
15. उस आकृ्ति का निवास स्थान कौन सा हो??
जैसे –जल थल या आकाश पाताल या वायु
16. उस आकृ्ति को आप कौन सा शस्त्र प्रदान करेगें???
जैसे – ब्राह्मण ( वेद-पुराण) क्षत्रिय(तलवार-भाला) वैश्य(तराजु) या शुद्रों (फावडा-खुदाली) !!
18- उस आकृ्ति की अधिपति धातु कौन सी हो??
जैसे-सोना-चाँदि,ताँबा,लोहा इत्यादि कोई भी !!
इन प्रशनो के सही उत्तर देने से आपके मस्तिष्क मे जिस आकृ्ति का निर्माण होगा वहि आकृ्ति आपकी ईष्ट होगी जिनकी छवि किसि न किसि देवि या देवता से मिलति होगी !! यदि न भी मिले तो ये नये ईष्ट का जन्म होगा !! इसी प्रकार ऋषियों साधुऔ ने अपने ईष्ट क निर्माण स्वयं ही किया था !! जिस प्रकार पार्वति जी ने अपने शरीर के मैल से श्री गणेश जी का निर्माण किया था !!इसी प्रकार आज भी ईष्ट का निर्माण होते रहता है!! किन्तु श्री नाथ पंथ की कर्ण पिशचनी ईष्ट निर्माण के बाद ये कार्य रुक गया है!!आईये हम इस प्रथा की पुन: शुरुवात करे !!साधारणत: कुछ लोग गुरु देव को ही ईष्ट कहते है किन्तु गुरुदेव वो जो आप्को आपका सहि ईष्ट निर्धारण करना सिखाये !!
आजकल तथा कथित बाबाओ साधुओ को विग्यापन के माध्यम से दिमाग मे बैठाकर ईष्ट बनाना सिखाया जा रहा है !! जो गलत है !!
आप अपनि आत्मा से प्रशन करे वही आपका सही मार्ग दर्शन करेगी!!किसि अन्य के ईष्ट के समान बनने क प्रयास न करे!!क्योकि वे ईष्ट उनकी आत्मा की खोज है !!जैसे-श्री राम कृ्ष्ण की काली,मीरा के मोहन,जैसे प्रलहाद के श्री विष्णुजी ऋषि दधिची एव रावण के महादेव !!

।। श्री गुरुचरणेभ्यो नमः।।
मच्छिन्द्र गोरक्ष गहिनी जालंदर कानिफा।
भर्तरी रेवण वटसिद्ध चरपटी नाथा ।।
वंदन नवनाथ को,सिद्ध करो मेरे लेखो को।
गुरु दो आशिष,हरे भक्तों के संकट को।।

(व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार )
"राहुलनाथ "
{आपका मित्र,सालाहकार एवम् ज्योतिष}
भिलाई,छत्तीसगढ़+917489716795,+919827374074(whatsapp)
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🚩🚩🚩जयश्री महाँकाल 🚩🚩🚩
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चेतावनी-हमारे हर लेख का उद्देश्य केवल प्रस्तुत विषय से संबंधित जानकारी प्रदान करना है लेख को पढ़कर कोई भी प्रयोग बिना मार्ग दर्शन के न करे ।क्योकि हमारा उद्देश्य केवल विषय से परिचित कराना है। किसी गंभीर रोग अथवा उसके निदान की दशा में अपने योग्य विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श ले। साधको को चेतावनी दी जाती है की वे बिना किसी योग्य व सफ़ल गुरु के निर्देशन के बिना साधनाए ना करे। अन्यथा प्राण हानि भी संभव है। यह केवल सुचना ही नहीं चेतावनी भी है।

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