शनिवार, 23 जुलाई 2016

!! सरल शिव साधना ।।

!! सरल शिव साधना ।।
सरल शिव साधना आओ भक्तों साधकों सावनमास के पावन अवसर पर भगवान शिव की साधना करे अपनी ईच्छाओ को पुर्ण करने का प्रयास करे !
वे महादेव है भोले है भंडारी हे!! थोडी सी साधना भक्ति से प्रसन्न हो जाते हे!!
इसी क्रम मे यह साधना एक दिव्य साधना है जो मै आप सभी मित्रों भक्तों के कल्याणार्थ प्रस्तुत कर रहा हु!

यह साधना अभी तक किसी पुस्तक में या फेस बुक पे नही प्राप्त नहि की जा सकती है!यह मेरी निजी साधना विधि है!जो मुझे 5 वर्षों पुर्व स्वप्न मैं भगवान श्री दत्तनाथ जी से प्राप्त हुई थी!!
!!प्रारंभ!! !!

!!ऊँ शिव गोरक्ष योगी !!
!!श्री गणेशाय नम:!!

यह साधना सप्तमी से प्रारंभ करे !
सप्तमी की रात्री 11:25 मिनट से 12:25 मि.के मध्य एक कलश महादेव जी के नाम से स्थापित करे!जो गुरुदेव के आदेशानुसार हो !और गुरुदेव को समर्पीत हो!!!
आपके गुरुदेव वही है जो आपके स्मरण मात्र से आपको जिनकी छवी दिखाई देने लगे! शक्ती का स्रोत आपके भितर उमडने लगे!!जिनका चेहरा दिखाई देने लगे!!
वो कोई भी हो सकता है!! वो माता-पिता,भाई-बहन,या अन्य कोई भी संबधी भी हो सकते है! जिवित भी हो सकते है!! मृ्त भी!और काल्पनिक भी !
या जिन्है आपने गुरुदेव के पद पर आसिन किया है!वो भी!! जो सर्वोत्तम है!
कलश मैं7 आम्र के पत्ते,सिक्का,गंगा जल डाल कर गुरु मंत्र से कलश एवं नारियल को गुरु मंत्र द्वारा रक्षा मौली बंधन करे !जो 7 बार लपेटी गई हो!! फल-फुल,प्रसाद आपकी इच्छानुसार प्रय़ौग करे! अगरबत्ति 1 हि सुगंध की प्रयोग करे !! घि का दिपक चेतन करे !! कलश के समक्ष संकल्प करे की भगवान शिव ही आपके ईष्ट है !!और भगवान शिव के सहस्त्रनाम से कोई भी एक नाम का चयन करे जैसे "महादेव "
नाम ऎसा हो जो भयावह न हो ,सौम्य हो !!सर्व प्रथम आसन पर बैठे, बैठने के पहले आसन स्पर्श कर अपने गुरुदेव का 7 बार नाम उच्चारण करे !! मस्तक पर भस्म का तिलक लगा कर "जै श्री महाकाल" कहे !! श्री गणेश ,माता गौरी,नन्दी,भैरव ,महाकाल जी का नाम ले कर प्रणाम करे !!हाथ मे जल ले कर आज से ही अपने सुखो-दुखों को भगवान महादेव को अर्पित करे !! भविष्य मे होने वाले अच्छे और बुरे कर्मों को भी भगवान शिव को ही अर्पित करने का वचन दे!! बस हो गई साधना प्रारंभ!! इस पल के बाद आपपे कोई नियम लाघु नही होगें !! हर सांस अर्पित करे !! बस वो नाम जो आपने चयन किया है सहस्त्र नाम से उसे सब अर्पित करे !

एक प्रार्थना करे :-
मैं शिव हूँ केवल शिव हूँ शिव हूँ, केवल शिव ,कल्याणकारी शिव हूँ,
केवल शिव मैं विकारों से रहित, विकल्पों से रहित, निराकार, परम एश्वर्य युक्त, सर्वदा यत्किंच सभी में सर्वत्र, समान रूप में ब्याप्त हूँ, मैं ईक्षा रहित, सर्व संपन्न ,जन्म -मुक्ति से परे, सच्चिदानंद स्वरुप कल्याणकारी शिव हूँ केवल, शिव न मृत्यु, न संदेह, न तो जाति-भेद (खंडित) हूँ, न पिता न माता, न जन्म न बन्धु, न मित्र न गुरु न शिष्य ही हूँ; मैं तो केवल सच्चिदानंद स्वरुप कल्याणकारी शिव हूँ, केवल शिव
न पुण्य हूँ, न पाप; न सुख न दुःख, न मन्त्र न तीर्थ, न वेद न यज्न, न भोज्य, न भोजन न भोक्ता ही हूँ; मै तो केवल सच्चिदानंद स्वरुप कल्याणकारी शिव हूँ, केवल शिव न द्वेष, न राग, न लोभ, न मोह, न मत्सर, न धर्म, न अर्थ, न काम, न मोक्ष हूँ; मैं तो सच्चिदानंद स्वरुप कल्याणकारी शिव हूँ, केवल शिव...... न तो प्राण उर्जा हूँ, न पञ्च वायु हूँ, न सप्त धातुएं हूँ, न पञ्च कोष हूँ, न सृष्टी, न प्रलय, न गति, न वाणी और न तो श्रवण ही हूँ; मैं तो केवल सच्चिदानंद स्वरुप कल्याणकारी शिव हूँ, केवल शिव. न तो मन हूँ, न बुद्धि, न अहंकार, न चित्त, न पञ्च इन्द्रियां - (नेत्र,कान,जीभ, त्वचा, नासिका) और न तो पञ्च तत्व (आकाश, भूमि, जल, वायु, अग्नि) हूँ; मैं तो केवल सचिदानंद स्वरूप कल्याणकारी शिव हूँ; केवल शिव हूँ..!!
उसनाम को हर वस्तु भोजन के साथ लेना प्रारंभ करे !
जैसे भोजन महादेव,रोटिमहादेव ,चावलमहादेव,जल महादेव इत्यादी !!
कुछ भी हो सब समर्पित करे !! जैसे अच्छा-बुरा,पाप-पुन्य,छल -कपट,जो भी हो! सबके साथ महादेव शब्द का प्रयोग करे !! अच्छि बुरी जो भी भावनाये हो उनहे इसनाम को बता दे !! घर से निकलने से पुर्व चलियेमाहादेव,बैठने के पहले बैठिये महादेव,स्नान के पहले स्नान महादेव,!! सब कुछ ईच्छ शक्ति,भोजन,भजन,कर्म ,विचार,भावना सब के साथ महादेव शब्द का उच्चारण करे !!चौबिस घंटे की साधना !! ना दिया ना बाती,न फल न प्रशाद ,न आसन न जाप !! मात्र स्व्यं का समर्प्ण !!!नाम कोई भी दे सकते है !! जैसे माँ-बाबा ,दुर्गा,काली कुछ भी !!
बस ध्यान रखे !!
जैसे नाम होगा उसका फल भी नाम के अनुकुल ही होगा !!

।। श्री गुरुचरणेभ्यो नमः।।
मच्छिन्द्र गोरक्ष गहिनी जालंदर कानिफा।
भर्तरी रेवण वटसिद्ध चरपटी नाथा ।।
वंदन नवनाथ को,सिद्ध करो मेरे लेखो को।
गुरु दो आशिष,हरे भक्तों के संकट को।।

(व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार )
"राहुलनाथ "
{आपका मित्र,सालाहकार एवम् ज्योतिष}
भिलाई,छत्तीसगढ़+917489716795,+919827374074(whatsapp)
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🚩🚩🚩जयश्री महाँकाल 🚩🚩🚩
इस लेख में लिखे गए सभी नियम,सूत्र,तथ्य हमारी निजी अनुभूतियो के स्तर पर है।विश्व में कही भी,किसी भी भाषा में ये सभी इस रूप में उपलब्ध नहीं है।अत:इस लेख में वर्णित सभी नियम ,सूत्र एवं व्याख्याए हमारी मौलिक संपत्ति है।हमारे लेखो को पढने के बाद पाठक उसे माने ,इसके लिए वे बाध्य नहीं है।इसकी किसी भी प्रकार से चोरी,कॉप़ी-पेस्टिंग आदि में शोध का अतिलंघन समझा जाएगा और उस पर (कॉपी राइट एक्ट 1957)के तहत दोषी पाये जाने की स्थिति में तिन वर्ष की सजा एवं ढ़ाई लाख रूपये तक का जुर्माना हो सकता है।अतः आपसे निवेदन है पोस्ट पसंद आने से शेयर करे ना की पोस्ट की चोरी।

चेतावनी-हमारे हर लेख का उद्देश्य केवल प्रस्तुत विषय से संबंधित जानकारी प्रदान करना है लेख को पढ़कर कोई भी प्रयोग बिना मार्ग दर्शन के न करे ।क्योकि हमारा उद्देश्य केवल विषय से परिचित कराना है। किसी गंभीर रोग अथवा उसके निदान की दशा में अपने योग्य विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श ले। साधको को चेतावनी दी जाती है की वे बिना किसी योग्य व सफ़ल गुरु के निर्देशन के बिना साधनाए ना करे। अन्यथा प्राण हानि भी संभव है। यह केवल सुचना ही नहीं चेतावनी भी है।

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