गुरुवार, 21 जुलाई 2016

भक्तो एवं साधको के हित में...

भक्तो एवं साधको के हित में...
किसी भी प्रकार के मन्त्र को सिद्ध करने के पहले ,उस मंत्र के विषय में अपने आचार्य,मित्र या जिसने उस मंत्र को सिद्ध किया हो उनसे एक बार सलाह अवश्य ले,बहुत से मंत्रो को घर में पढ़ना उचित नहीं ।।मूलतः ऐसे मंत्र जिनमे मुंडी,कपाल,भेजा,खोपड़ी,स्मशान,मरघट,
प्राण लेने की कसम,बांधो,तोड़ो,मारो इत्यादि का उल्लेख हो।
ऐसे मंत्र जिसमे एक से अधिक देवताओ की आन हो,
प्रयास करे ऐसे मंत्रो का पाठ करने का जिसकी भाषा आपको सामान्य रूप से समझ आये,की वो मंत्र प्रार्थना क्या कहती है एवं उस मंत्र का आपके अवचेतन पर क्या असर होगा।
सामान्य मंत्र या स्तोत्र जिनका हिंदी भावार्थ दिया हो उसको पढ़ने के बाद समझे की क्या? उपरोक्त मंत्र आपकी इच्छा को पूर्ण करने में सक्षम है।धन एवं सुख प्रदान करने वाले देवताओ के शरीर पे स्वर्ण के आभूषण होते है एवं शक्ति के देवता आभूषण हिन् होते हैं

(व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार )
******राहुलनाथ********
{आपका मित्र,सालाहकार एवम् ज्योतिष}
भिलाई,छत्तीसगढ़+917489716795,+919827374074(whatsapp)
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चेतावनी-हमारे लेखो में लिखे गए सभी नियम,सूत्र,तथ्य हमारी निजी अनुभूतियो के स्तर पर है। लेखो को पढने के बाद पाठक उसे माने ,इसके लिए वे बाध्य नहीं है।हमारे हर लेख का उद्देश्य केवल प्रस्तुत विषय से संबंधित जानकारी प्रदान करना है किसी गंभीर रोग अथवा उसके निदान की दशा में अपने योग्य विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श ले।बिना लेखक की लिखितअनुमति के लेख के किसी भी अंश का कॉपी-पेस्ट ,या कही भी प्रकाषित करना वर्जित है।न्यायलय क्षेत्र दुर्ग छत्तीसगढ़

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