मंगलवार, 12 जुलाई 2016

84 लाख योनी

|| मेरी भक्ति गुरु की शक्ति,फुरो मंत्र इश्वरों वाँचा ||
कर्म ही तो मर्म है??
84 लाख योनियो के चक्कर में फसा मानव क्या श्रेष्ठ है?
जिसका जन्म 84 लाख योनियो में जन्म लेने के बाद होता है ।
किन्तु मैंने सूना है की प्रथम स्थान सर्वश्रेष्ठ होता है
फिर 84 लाख 1 नंबर में जन्म लेने वाला मानव सबसे श्रेष्ठ क्यों?
क्योकि आप क्षल करे,प्रेम करे,अच्छा करे या बुरा ,कर्म तो कर्म है और जब तक कर्म है मुक्ति ही नहीं क्योकि कर्म ही तो मर्म है....
(व्यक्तिगत अनुभूति एवम् विचार)
।।जयश्री महाकाल।।
*******राहुलनाथ*******

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