सोमवार, 17 जनवरी 2022

श्री_गोरक्षाष्टोत्तर_नामावळी

#श्री_गोरक्षाष्टोत्तर_नामावळी 
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 १) ॐ श्री गोरक्षाय नमः
 २) ॐ ऊं श्री गोरक्षाय नमः
 ३) ॐ हीं श्री गोरक्षाय नमः
 ४) ॐ श्रीं श्री गोरक्षनाथाय नमः
 ५) ॐ गों श्री गोरक्षनाथाय नमः
 ६) ॐ लीं श्री गोरक्षनाथाय नमः
 ७) ॐ हं श्री गोरक्षनाथाय नमः
 ८) ॐ हां श्री गोरक्षनाथाय नमः
 ९) ॐ निरांजनात्मनेय नमः
१०) ॐ हुं श्री गोरक्षनाथाय नमः
११) ॐ सं श्री गोरक्षनाथाय नमः
१२) ॐ हंसः श्री गोरक्षनाथाय नमः
१३) ॐ गुरुपद जप सत्याय नमः
१४) ॐ अद्वैताय नमः
१५) ॐ प्राण चैतन्याय नमः
१६) ॐ नित्य निर्गुणाय नमः
१७) ॐ महात्मनेय नमः
१८) ॐ नीलग्रीवाय नमः
१९) ॐ सोहंसाह्यकाय नमः
२०) ॐ ओंकाररूपेय नमः
२१) ॐ गुरुभक्ताय नमः
२२) ॐ श्री गुरुभौमाय नमः
२३) ॐ श्री गुरुचरण प्रियाय नमः
२४) ॐ श्री गुरुउपासकाय नमः
२५) ॐ श्री गुरुभक्तिप्रियाय नमः
२६) ॐ योगेश्वराय नमः
२७) ॐ श्री राजयोगाय नमः
२८) ॐ श्री अस्त्रविद्या प्रविणाय नमः
२९) ॐ अस्त्रविद्या प्रविणाय नमः
३०) ॐ श्री वायुनंदनाय नमः
३१) ॐ कमंडलू धारकाय नमः
३२) ॐ त्रिशुल धारकाय नमः
३३) ॐ संन्यास धर्म पालकाय नमः
३४) ॐ वैदिक धर्म पालन कर्तेय नमः
३५) ॐ वैष्णवी धर्म पालन कर्तेय नमः
३६) ॐ श्री हिंदू धर्म रक्षकाय नमः
३७) ॐ भक्त रक्षकाय नमः
३८) ॐ श्री दुःखहर्ताय नमः
३९) ॐ श्री भवक्लेश हर्ताय नमः
४०) ॐ श्री भूतप्रेत पिशाच्च दंडकाय नमः
४१) ॐ श्री पापहर्ताय नमः
४२) ॐ श्री पावन कर्ताय नमः
४३) ॐ शुभकर्ताय नमः
४४) ॐ शिवपूजकाय नमः
४५) ॐ दत्तात्रेय पूजकाय नमः
४६) ॐ ब्रह्म स्वरूपाय नमः
४७) ॐ गुरुनिष्ठा प्रवर्तकाय नमः
४८) ॐ दिननाथाय नमः
४९) ॐ अवधूत चिंतन प्रियाय नमः
५०) ॐ श्री शिवशक्ति संपन्नाय नमः
५१) ॐ अलक्षाय नमः
५२) ॐ समाधी योग प्रियाय नमः
५३) ॐ सुगंधी धूपक्रियाय नमः
५४) ॐ सकल रोग निवारण कर्ताय नमः
५५) ॐ ज्ञान पूर्तये नमः
५६) ॐ समारूपिणे नमः
५७) ॐ वैराग्य निधये नमः
५८) ॐ ब्रह्मचर्या किज्ताय नमः
५९) ॐ त्रैलोक्य ज्ञान दर्शकाय नमः
६०) ॐ सर्व दुःख विनाशाय नमः
६१) ॐ राजयोगाय नमः
६२) ॐ महाबलाय नमः
६३) ॐ कौल ज्ञानेय नमः
६४) ॐ पाप हर्ताय नमः
६५) ॐ हठयोग ज्ञानेय नमः
६६) ॐ हठयोग प्रचार कर्तेय नमः
६७) ॐ दिव्य पुरुषाय नमः
६८) ॐ गुरुध्यानाय नमः
६९) ॐ ग्रंथकर्तेय नमः
७०) ॐ गोरक्षकाय नमः
७१) ॐ संजीवनी धारकाय नमः
७२) ॐ विश्वयोगाय नमः
७३) ॐ युगपुरुषाय नमः
७४) ॐ त्रिकाल ज्ञानेय नमः
७५) ॐ कानफाटी मुद्रेय नमः
७६) ॐ कुंडल धारकाय नमः
७७) ॐ लोकपालकाय नमः
७८) ॐ सूर्यबीजाय नमः
७९) ॐ  शाबरी कर्तेय नमः
८०) ॐ मंत्रकर्तेय नमः
८१) ॐ विश्वबंधुकर्तेय नमः
८२) ॐ विश्वरूपेण नमः
८३) ॐ अमनस्क योग कर्तेय नमः
८४) ॐ हरीनारायणाय नमः
८५) ॐ भगवी वस्त्र परिधानेय नमः
८६) ॐ गुरुभक्ति प्रियाय नमः
८७) ॐ तंत्र विरोधकाय नमः
८८) ॐ मंत्र विशारदाय नमः
८९) ॐ सिद्धाय नमः
९०) ॐ तपेश्वराय नमः
९१) ॐ तपोनिधये नमः
९२) ॐ चक्षू समर्पण कर्तेय नमः
९३) ॐ हंस: गोरक्षनाथाय नमः
९४) ॐ गौ गोरक्षनाथाय नमः
९५) ॐ रं गोरक्षनाथाय नमः
९६) ॐ क्षं गोरक्षनाथाय नमः
९७) ॐ ईं गोरक्षनाथाय नमः
९८) ॐ रुं गोरक्षनाथाय नमः
९९) ॐ क्लीं गोरक्षनाथाय नमः
१००) ॐ नं गोरक्षनाथाय नमः
१०१) ॐ वं गोरक्षनाथाय नमः
१०२) ॐ कूं गोरक्षनाथाय नमः
१०३) ॐ शं गोरक्षनाथाय नमः
१०४) ॐ खें गोरक्षनाथाय नमः
१०५) ॐ खां गोरक्षनाथाय नमः
१०६) ॐ खुं गोरक्षनाथाय नमः
१०७) ॐ हुं गोरक्षनाथाय नमः
१०८) ॐ श्री गोरक्षनाथाय नमः

 _*नाथाच्या गुप्त लिपितील संदेश*
   * नाथो की गुप्त भाषा मे संदेश*
 *धर्म कोणताही असो त्यात सेवाच आहे*
*ईश्वरशक्तिपुढे शरण जा व श्रद्धेने मानवतेच्या भावनेने जीवन व्यतित करा.* 
 *हे जीवन व्यतित करीत असता ज्ञानयोगाने आत्मज्ञान अंतरमुख होऊन गुरुकृपेने प्राप्त करा.* 
 *तरच भव दु:खातून कायमची सुटका होईल.*
(संकल्पित पोस्ट द्वारा व्हाट्सएप) 
अर्थ हिंदी में:-
धर्म कौनसा भी हो उसमे सेवा ही मुख्य है।ईश्वरीय शक्ति के आगे जाए और श्रद्धा भाव से जीवन व्यतीत करे।
ये जीवन व्यतीत करते हुए  ज्ञानयोग से,अन्तज्ञान और अंतर्मुख होके गुरुकृपा को प्राप्त करो।।
तभी इस भव दुःख से छुटकारा मिलेगा।

 *ॐ गुरुदेवको आदेश*
◆◆ #इति_पोस्ट_सम्पूर्णं◆◆
 🕉️लेखक एवं संकलनकर्ता
।। #राहुलनाथ ।।™ (ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्री)
शिवशक्ति_ज्योतिष_एवं_अनुष्ठान,भिलाई,छत्तीसगढ़,भारत 
📞+ 917999870013,+919827374074 (whatsapp)
#चेतावनी:-इस लेख में वर्णित नियम ,सूत्र,व्याख्याए,तथ्य स्वयं के अभ्यास-अनुभव के आधार पर एवं गुरू-साधु-संतों के कथन,ज्योतिष-वास्तु-वैदिक-तांत्रिक-आध्यात्मिक-साबरी ग्रंथो के आधार पर मात्र शैक्षणिक उद्देश्यों हेतु दी जाती है।
अतः बिना गुरु के निर्देशन के साधनाए या प्रयोग ना करे। 
किसी भी विवाद की स्थिति में लेखक जिम्मेदार नही होगा एवं न्यायलय क्षेत्र दुर्ग छत्तीसगढ़,भारत।■■■🙏🏻🚩जयश्री महाकाल🚩🙏🏻■■■

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