बुधवार, 19 जनवरी 2022

श्रीगणेश_द्वादश_नाम_स्तोत्र

#श्रीगणेश_द्वादश_नाम_स्तोत्र
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शिवजी एवं आदिशक्ति पार्वतीजी के पुत्र #भगवानश्रीगणेश सभी दुखों को दूर करने वाले हैं। इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। श्रीगणेश की उपासना के लिए अनेक मंत्र और स्तुतियों की रचना की गई हैं। उन्हीं में से एक है गणेश द्वादश नाम स्तोत्र।

#श्रीगणेश_द्वादश_नाम_स्तोत्र
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सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि॥
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते॥

#अर्थ- 
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१.सुमुख २.एकदन्त ३.कपिल ४.गजकर्ण 
५.लम्बोदर ६.विकट ७.विघ्ननाश ८. विनायक 
९.धूम्रकेतु १०.गणाध्यक्ष ११.भालचन्द्र १२.गजानन, 
#इन_१२_नामों_के_पाठ_करने_व_सुनने_से_एवं
#इन_छः_स्थानों_में_सभी_विघ्नों_का_नाश_होता_है।
१.विद्यारम्भ २. विवाह ३.प्रवेश (प्रवेश करना) 
४.निर्गम (निकलना) ५ .संग्राम और ६.संकट।
🚩जै श्री महाकाल🚩
।। #राहुलनाथ ।।™ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्री,भिलाई,३६गढ़
📞+ 917999870013,+919827374074
नोट:-बिना गुरु या मार्गदर्शक के निर्देशन के साधनाए या प्रयोग ना करे।

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