बुधवार, 26 जुलाई 2017

आध्यात्मिक भ्रम या नशे का असर

आध्यात्मिक भ्रम या नशे का असर
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मेरे यारो मेरे दोस्तों,लकड़ी से ना मुझको जलाना
चुन चुन कर गाँजे के डंठल,से मुझको जलवा देना
पी के सीधा स्वर्ग में पहुँचूँ,ऐसी दम लगवा देना।

जो लोग आध्यात्मिक है तंत्र-मंत्र-यंत्र,ज्योतिष,अघोर,साबर के विषय मे लगातार पढ़ते और बात करते रहते है साथ ही साथ वे शराब,गांजा,भांग,हशीश,चरस और मुख्य रूप से गांजे का सेवन करते रहते है उन्हें इस प्रकार का आध्यात्मिक भ्रम पैदा होने लगता है जैसे कि उनका इष्ट उनके साथ है कोई उनको देख रहा है किसी ने उन्हें कुछ जादू-मंत्र कर दिया है ऐसी अवस्था मे उन्हें किसी ज्योतिष,तांत्रिक,अघोरी या बाबा की शरण ना लेते हुए उन्हें मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए,ऐसा ना करते हुए ज्योतिष पत्रिका खंगालने लगते है वही भ्रमित नशेड़ी साधक पुनः एक नई साधना शुरू कर देते है।कोई नदि के तट पे भ्रम में नाच रहा है कोई स्मशान में।
आज साधना के नाम पे ,अध्यात्म के नाम पे एक बहुत बड़ा युवा वर्ग नशे की गर्त में समा रहा है।मैंने कई तांत्रिक अघोरीयो के चेलो की फौज देखी है जो मात्र नशे के कारण गुरु धारण कर जैगुरु जैगुरु का जयकारा लगाते रहते है और जब उनसे मैने अकेले में पूछा कि तुम्हारा भगवान कौन है तो कहते है कौन भगवन कैसा गुरु ,40-50 रोज मिलते है और क्या चाहिए,अब चाहे मुर्दा छानने बोल दो या मुर्दा खोद के उस पर बैठने ।
ये कैसा अध्यात्म है ये कैसा हमारा भविष्य है।जो विद्या कल तक मोक्ष का मार्ग थी वो आज भविष्य को जलाने की विद्या बन गई है।एक तरफ चलचित्रों की नग्नता युवाओं का शिकार कर रही है वही दूसरी तरफ नशे से नपुंसकता पैदा हो रही है।पोस्ट पढ़कर यदि किसी मित्र का हृदय आहत हो तो कृपया क्षमा करें।

व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार©
।।राहुलनाथ।।

यार मेरे मरने के पहले,भर के चिलम पिला देना
पी के सीधा स्वर्ग में पहुँचूँ,ऐसी दम लगवा देना।।

एक गाँजा लाया,उसे पानी मे भिगाया
ऊँगली से यू मसला,गुुद से यूँ रगड़ा
तम्बाकू मंगवाई गाँजे में मिलवाई
फिर चिलम उठाई,की उसकी सफाई
फिर कंकड़ अंदर डाल के,मस्ती ऐसी आई
लगी जो फूँक ऐसी,बड़ी मेहनत से चिलम बनाई।
और चिलम बनाते हुए,मालिक की याद आई
पी के सीधा स्वर्ग में पहुँचूँ ऐसी दम लगवा देना।

अल्हड़ मस्त जवा और कोमल,कोरी अछूती और मस्तानी
चुन चुन कर कलियाँ बांगो से,गाँजे की मंगवा देना
पी के सीधा स्वर्ग में पहुँचूँ,ऐसी दम लगवा देना।

घर से लेकर श्मशानों तक,दौर चिलम का चलता रहे
धुंए में मेरा निकले जनाजा,ये सबको बतावा देना
पी के सीधा स्वर्ग में पहुँचूँ,ऐसी दम लगवा देना।

मेरे यारो मेरे दोस्तों,लकड़ी से ना मुझको जलाना
चुन चुन कर गाँजे के डंठल,से मुझको जलवा देना
पी के सीधा स्वर्ग में पहुँचूँ,ऐसी दम लगवा देना।

मेरे बाद में मेरे धन का,मेरी जमी का क्या होगा
चुन चुन तमाम गजेडीयो में,यारो में लुटवा देना
पी के सीधा स्वर्ग में पहुँचूँ,ऐसी दम लगवा देना।

इस गंजेड़ी भजन को bhajandiary.com से लिया गया है।bhajandiary.com/yar-mere-mere-marne-se-pahle-lyrics/

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