शनिवार, 22 अप्रैल 2017

कार्तवीर्य

कार्तवीर्य
चोरी/खोए हुए धन की प्राप्ति एवं घर से भागे जातक की वापसी हेतु अमोघ कार्तवीर्यार्जुन प्रयोग....

।।विनियोग।।
अस्य श्री कार्तवीर्याजुनमंत्रस्य दत्तात्रेय ऋषि अनुष्टप् छन्दः श्री कार्तवीर्यार्जुनो देवता ममाभीष्ट सिद्धये जपे विनियोगः।।

।।ऋष्यादिन्यास ।।
ॐ दत्तात्रेय ऋषये नमः शिरसि
ॐ अनुष्टुपूछन्दसे नमः मुखे
ॐ कार्तवीर्यार्जुनदेवतायै नमः हृदये
ॐ बीजाय नमः गुह्ये

।।पंचांगन्यास।।
कार्तवीर्याजुनो नाम हृदयाय नमः
राजाबाहु सहस्रवान शिरसे स्वाहा
तस्य संस्मरणादेव शिखायै वषट्
हृतं नष्ट च लभ्यते कवचाय हुम्
कार्तवीर्यार्जुनो ....लभ्यते अस्त्राय फट्

।।ध्यानं।।
सिच्यामाणं युवतिभिः क्रीडन्तम् नर्मदाजले ।
हस्तैर्जलौघम् रुन्धन्तं  ध्यायेन्मत्तम नृपोत्तमम्।।

।।मंत्र।।
कार्तवीर्योजुनो नाम राजा बाहुसहस्रवान्।
तस्य संस्मरणादेव हृतं नष्टं व लभ्यते।।

विधि:-कार्तवीर्यार्जुन यन्त्र को चतुर्दशी/अष्टमी के दिन भोजपत्र पर गोरोचन द्वारा अनार की कलम से बना कर 11000 जाप एवं दशांस हवन घी /तिल के साथ
किया जाता है।
इस प्रयोग की पूर्ण जानकारी एवं सिद्ध कार्तवीर्यार्जुन यन्त्र हेतु आप संपर्क कर सकते है।

।। राहुलनाथ ©₂₀₁₇।।™
भिलाई,छत्तीसगढ़,भारत
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चेतावनी-हमारे हर लेख का उद्देश्य केवल प्रस्तुत विषय से संबंधित जानकारी प्रदान करना है लेख को पढ़कर कोई भी प्रयोग बिना मार्ग दर्शन के न करे । किसी गंभीर रोग अथवा उसके निदान की दशा में अपने योग्य विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श ले। साधको को चेतावनी दी जाती है की वे बिना गुरु के निर्देशन के साधनाए ना करे। अन्यथा मानसिक हानि भी संभव है। यह केवल सुचना ही नहीं चेतावनी भी है।
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