बुधवार, 17 अगस्त 2022

साधना_में_ब्रह्मचर्य_का_महत्व

#साधना_में_ब्रह्मचर्य_का_महत्व
🔱☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️🔱
गुरुओ ने,ऋषि-मुनियों ने ब्रह्मचर्य की साधना के लिए चिंतन करने को कहा है। कोई दूसरा आपको ब्रह्मचर्य की ओर नहीं ले जा सकता,ये काम स्वयं करना होता है। कामवासना को प्रबल इच्छाशक्ति से रोका जा सकता है। कामवासनाओं को नष्ट करने में सक्षम व्यक्ति अखंड ब्रह्मचर्य का पालन कर सकता है। प्राण शक्ति, स्फूर्ति, बुद्धि यह सब वीर्य के ऊर्ध्वगामी होने से प्राप्त होती है। अस्तु, वीर्य की रक्षा प्राणपण से की जानी चाहिए। विवाहित हों, तो केवल संतानोत्पादन के लिए वीर्य-दान की प्रक्रिया अपनाई जाय अथवा कठोरतापूर्वक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया जाय। इससे प्रत्येक साधना सधती है।
कैसा भी योगाभ्यास करने वाला साधक हो,धारणा,ध्यान,त्राटक आदि करता हो लेकिन यदि वह ब्रह्मचर्य का आदर नहीं करता,संयम नहीं करता तो उसका योग सिद्ध नहीं होगा। साधना से लाभ तो होता ही है लेकिन ब्रह्मचर्य के बिना उसमें पूर्ण सफलता नहीं मिलती।
राम के सुख के बाद संसार में यदि अधिक-से-अधिक आकर्षण का केन्द्र है तो वह काम का सुख है। शब्द,स्पर्श,रूप,रस और गन्ध इन पाँचों विषयों में स्पर्श का आकर्षण बहुत खतरनाक है। व्यक्ति को कामसुख बहुत जल्दी नीचे ले आता है।जहॉ भगवती काली का स्थान है।यही कुंडलिनी योग में मूलाधार का स्थान है।
बड़े-बड़े राजा-महाराजा-सत्ता धारी उस काम-विकार के आगे तुच्छ हो जाते हैं। यहाँ तक स्वयं महादेव शव स्वरुओ हो जाते है।काम-सुख के लिये लोग अन्य सब सुख,धन,वैभव,पद-प्रतिष्ठा कुर्बान करने के लिये तैयार हो जाते हैं। इतना आकर्षण है काम-सुख का। राम के सुख को प्राप्त करने के लिए साधक को इस आकर्षण से अपने चित्त को दृढ़ पुरुषार्थ करके बचाना चाहिये।
जिस व्यक्ति में थोड़ा-बहुत भी संयम है, ब्रह्मचर्य का पालन करता है वह धारणा-ध्यान के मार्ग में जल्दी आगे बढ़ जायेगा। लेकिन जिसके ब्रह्मचर्य का कोई ठिकाना नहीं ऐसे व्यक्ति के आगे साक्षात् भगवान श्रीकृष्ण आ जायें,भगवान विष्णु आ जायें,ब्रह्माजी आ जायें,माँ अम्बाजी आ जायें,तैतीस करोड़ देवता आ जाये ये सब मिलकर भी उपदेश करें फिर भी उसके विक्षिप्त चित्त में आत्मज्ञान का अमृत ठहरेगा नहीं। जैसे धन कमाने के लिए भी धन चाहिये,शांति पाने के लिये भी शांति चाहिये,अक्ल बढ़ाने के लिये भी अक्ल चाहिये,वैसे ही आत्म-खजाना पाने के लिये भी आत्मसंयम चाहिये। ब्रह्मचर्य पूरे साधना-भवन की नींव है। नींव कच्ची तो भवन टिकेगा कैसे?
क्रमशः....

🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈
🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
☯️।।राहुलनाथ।।™🖋️।....२०२२
महाकाल आश्रम,भिलाई,३६गढ़,भारत,📱 +𝟵𝟭𝟵𝟴𝟮𝟳𝟯𝟳𝟰𝟬𝟳𝟰(𝘄)
पेज लिंक:-https//www.facebook.com/rahulnathosgybhilai/

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें