सोमवार, 17 मई 2021

माँ हरसिद्धी (पहली बार प्रकाशित विधि)

माँ हरसिद्धी (पहली बार प्रकाशित विधि)
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आइये मित्रो आज हम परिचर्चा करते है देवी माता हरसिद्धी के विषय मे।देवी आदिशक्ति माता दुर्गा ही है एवं वैष्णवी है इसी कारण देवी मांस-मदिरा,बलि आदि से परे है एवं पूर्ण रूप से सात्विक विधि से पूजनीय है।राजा विक्रमादित्य की ये आराध्य देवी है।उज्जैन महाकाल मंदिर के समीप ही देवी का पूर्वाभिमुख मंदिर उपस्थित है।देवी को प्रसन्न करने हेतु विविध प्रकार की परेशानियों को दूर करने एवं इच्छापूर्ति हेतु मंत्रो का संग्रह नीचे लिखा गया है।किन्तु मेरा पोस्ट लिखने का मुख्य उद्देश्य देवी के उस मंत्र की जानकारी देना है जो सामान्यतः प्रचलित नही है या ऐसे कहे कि इस मंत्र का और विधी का ज्ञान सब को प्राप्त नही है,मैने स्वयं इस मंत्रविधि को पहली बार जाना और सुना।
छत्तीसगढ़ में एक दैविक स्थल प्रचिलत है "डोंगरगढ"।इसका मतलब जहा बड़े बड़े पत्थरो का पहाड़ है जिसपे देवी विराजमान है।इनका नाम मा "बमलेश्वरी" है।अक्सर मेरा इस स्थान पे जाना होता रहा है बाल्यावस्था से।बहुत से चमत्कारिक किस्से यहां देवी के विषय मे प्रचलित है।यहां मेरी भेट एक सिद्ध साधु-महात्मा से हुई थी जो कि रम्मत में थे,कहा से आये थे कहां जाना है ये उन्होंने नही बताया था।
करीब 2007-8 के आस-पास बार-बार निवेदन करने पर जन कल्याणार्थ उन्होंने यह पूजा एवं मंत्र विधि प्रसाद स्वरूप उनसे मुझे प्राप्त हुई थी।जो जनकल्याण हेतु मैं आप मित्र एवं भक्तो को प्रस्तुत करने जा रहा हूँ।विधि बहुत साधारण किन्तु अत्यंत कारगर है।
विधि:-
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सर्वप्रथम अपने निवास स्थान या व्यवसायिक स्थल के मुख्य द्वार के पास जाना है द्वार के बाई ओर सर्वप्रथम देवी को प्रणाम कर फिर दाई ओर प्रणाम करना है।भारी सिंदूर जो हनुमान जी को चड़ता है पारे वाला।इस सिंदूर को ताँबे या कांसे के प्लेट में शुद्ध गाय के घी से मिलाकर मिश्रण तैयार करे।इसी तरह से देवताओ को चोला चढ़ाया जाता है।इस मिश्रण से अनामिका अँगुली द्वारा ,मुख्य द्वार के बाई तरफ "ह्रीं" बीज मंत्र लिखे,इसके बाद दाई तरफ।अब बाई तरफ 27 अगरबत्ती चेतन करे माता के नाम से और बाई तरफ की दीवाल को दिखाते हुए आशय है घुमाते हुए ,आगे बढ़ते जाए,लगातार बढ़े कही रुके नही।स्मरण रहे दीवार का क्रम टूटे नही ,निवास की सभी दिवालो को इसी प्रकार अगरबत्ती दिखाते हुए ,अंत मे आप मुख्य द्वार के दाई तरफ पहुच जावे।इसी स्थान पे इन अगरबत्तियों को भूमि में स्थापित कर प्रणाम करें एवं अपने और अपने परिवार ,निवास,कारोबार की सफलता की कामना करें।अगरबत्ती चलाते समय और इस पूरी विधि में देवी के महा मंत्र का जाप करते रहे।हो सके तो मंत्र कंठस्थ कर ले, जिससे कि
विधि में व्यवधान ना पड़े।
मंत्र:-
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ॐ ह्रीं सर्वसिद्धि प्रदायनी,सर्व दुःख हारणी, सर्व ताप विनाशिनी,सर्व शूल मारिणी ,रक्ष रक्ष "ह्रीं"आदिशक्ति माँ हरसिद्ध्ये नमः।।
विषेष:-भोग प्रशाद मिष्ठान्न अपनी इच्छानुसार,दक्षिणा इच्छानुसार प्रदान करे।दिन मंगलवार या शुक्रवार का हो तो सर्वोत्तम है बाकी तो सभी दिन भगवान के ही है।वस्त्र काला धारण नही करना है इसके अलावा कोई रंग के वस्त्र धारण कर सकते है।मस्तक पे तिलक धारण करे एवं सिर वे वस्त्र धारण करे।आशा है कि ये नियम सब भाई-बंधुओ के लिए सरल ही होंगे।

🕉️🙏🏻🚩जयश्री माहाँकाल 🚩🙏🏻🕉️👉

व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार©२०१६ सर्वाधिकार सुरक्षित


☯️राहुलनाथ™ भिलाई 🖋️



माँ आदिशक्ति के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र

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आप मित्रो के लिए ,जिससे कि आवश्यकता के अनुसार इनका जाप स्मरण आप कर सके।
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
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यदि धन संबंधी परेशानियों से बुरी तरह परेशान हैं
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दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः।
सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि।।

धन प्राप्त‌ि के साथ संतान सुख भी पाना चाहते हैं
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मनुष्यो मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥

इन द‌िनों आपका बुरा समय चल रहा हैं तो **********************************
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।।

स्वास्‍थ्य और धन के साथ ऐश्वर्य की प्राप्ति हेतु। *************************************
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै।।

मोक्ष प्राप्‍त‌ि के ल‌िए इस मंत्र का जप करें-
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सर्वस्य बुद्धिरुपेण जनस्य हृदि संस्थिते।
स्वर्गापवर्गदे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।

सपने में भूत भविष्य जानने के लिए
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दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके।
मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।

आकर्षक एवं वशीकरण हेतु
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ॐ महामायां हरेश्चैषा तया संमोह्यते जगत्, ज्ञानिनामपि चेतांसि देवि भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।। दे

सुयोग्य जीवनसाथी पाने के लिए।।
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पत्‍‌नीं मनोरमां देहि नोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥

गुणवान और शक्त‌िशाली बनने हेतु।।
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सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते।।

प्रसन्नता और आनंद चाहते हैं तो
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प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि। त्रैलोक्यवासिनामीडये लोकानां वरदा भव।।

माँ दुर्गा के सिद्ध चमत्कारी तांत्रिक मंत्र
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1- ॐ ह्रींग दुंग दुर्गायै नमः।
2- "ॐ अंग ह्रींग क्लींग चामुण्डायै विच्चे।
3- सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

नोट:-मंत्रो को टाईप करने में कोई गलती होने से क्षमा करें एवं अवगत कराएं जिससे उस त्रुटि को ठीक किया जा सके।
*****🙏🏻🚩जै श्री महाकाल🚩🙏🏻******

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