शनिवार, 4 मार्च 2017

काला जादू से पीड़ित एक स्त्री की सत्य घटना।।

काला जादू से पीड़ित एक स्त्री की सत्य घटना।।
बात दो वर्ष पुरानी है एक स्त्री को मेरे पास लाया गया था उस स्त्री को किसी प्रकार की बाधा हो गई थी उसने सब से बात करना बंद कर दिया था उसका शरीर हर समय तपता रहता था मासिक धर्म विकृत हो चुका था और हर समय वो गुमसुम रहा करती थी एकटक दीवारों को और छत को देखते रहते थी भोजन पानी बंद हो चुका था,स्नान ध्यान भी बंद था और शरीर से दुर्गन्ध आने लगी थी।इस स्त्री के घर वालो ने उसे बहुत से बाबा,तांत्रिको और भूत-प्रेत उतारने वाले मौलवियों को दिखाया था किंतु कोई लाभ नहीं हो रहा था।
उस परिवार को किसी ने मेरा पता उन्हें बताया था वे आये और मुझको उसे ठीक करने का आग्रह करने लगे।मैंने कहा कि मैं कोई बाबा तांत्रिक नही हूं ,हाँ इस विषय में थोड़ा बहुत अध्यन किया है बाकी सब गुरुदेव का आशीर्वाद है। आप मुझे क्षमा करे किन्तु वे नहीं माने ,रोज प्रातः घर वे पहुच जाते थे।
हार कर एक दिन मैंने उस कन्या के माता-पिता से बात करी।मैने उनसे पूछा की क्या? इस स्त्री की परेशानी जब से शुरू हुई है तब से कोई नया व्यक्ति जीवन में आया है?माता ने बताया कि कुछ दिन पहले घर में एक काम करने वाली स्त्री को रखा गया है और उसके आने के बाद ही शायद ये सब हो रहा हो।वो काम करने वाली स्त्री इस परिवार के साथ ही घर के पीछे बने एक कमरे में रहा करती थी।मैंने उस परिवार को निर्देश दिए की इस स्त्री के ऊपर नजर रखे और कुछ भी संदिग्ध लगे तो मुझसे आ के कहे।परिवार ने उस स्त्री पे नजर रखनी शुरू कर दी।इस नजर रखने के समय में बाधित स्त्री को भगवान महाकाल के लिङ्ग पे काला धागा 27 बार लपेट कर ,27 महाकाल के नाम से गाँठ बाँध कर ,इस धागे को सुरक्षा हेतु बाधित स्त्री के कमर में सुरक्षा हेतु बाँध दिया गया था।जिससे उसे लाभ हो रहा था किंतु वो पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हो पाई थी।
करीब 15 दिनों बाद ये परिवार मुझसे मिलने आया और उन्होंने बताया कि उनकी काम करने वाली नौकरानी तो सामान्य ही है किंतु वो रात्रि में मूत्र विसर्जन हेतु घर से थोड़ी दूर बबूल के वृक्ष के नीचे ही जाती थी जबकि उसके कमरे में बाथरुम उपलब्ध है।बात तो सोचने वाली थी।
मैंने उस परिवार से कहा कि रविवार के दोपहर उसे किसी काम से घर से बाहर 2 घंटे के लिए भेज दे रविवार को मैं आता हूं फिर समझते है।
परिवार ने वैसा ही किया ,रविवार को उस परिवार के लोगो के साथ मैं उस बबूल के पेड़ के नीचे पंहुचा और उस फिर उस स्थान को खोदा गया।वहां खुदाई के बाद हमें उस बाधित स्त्री के अधोवस्त्र,मासिकधर्म के कपडे और बालों के गुच्छे प्राप्त हुए ,जिन्हें विधि पूर्वक निकाल कर जला दिया गया।जिससे उस स्त्री की बाधा शांत हो गई।काम वाली जब वापस आई तो उसे डरा धमकाकर पूछा गया कि ,उसने ऐसा क्यों किया तो उसका उत्तर था कि वो कालजादू सिख रही है,बस और कोई कारण नहीं है।उसे नौकरी से निकाल दिया गया।
मित्रो इस पूरे वृत्तांत में आपको समझ आया होगा की मैंने कोई जादू टोना नहीं किया मात्र सावधानी से निरक्षण ही किया और समस्या का समाधान हो गया।इसी प्रकार हर समस्या का समाधान उसमे ही छुपा होता है।

सावधानी:-मित्रो अपनी सावधानी आप स्वयं करे ,अपने अधोवस्त्र,उतारे गए कपडे जिनमे आपका पसीना लगा हुआ हो,आपके कंघी किये बाल,नाख़ून और मासिक धर्म के कपडे ,इन्हें अपने हाथों से निष्क्रिय करे।किसी के हाथ ना पड़ने दे।ये सभी वस्तुओं में आपकी ऊर्जा संग्रहित होती है और ये वस्तुएं अलग होने के बाद भी आपके ऊर्जा शरीर से कुछ दिनों तक जुडी रहती है।आपकी थोड़ी सी असावधानी आपको एवं आपके परिवार को परेशानी में डाल सकती है।सतर्क रहें सावधान रहें।
जहाँ भक्त की भक्ति हो सकती है वहां शैतान की शक्ति भी हो सकती है।
व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार
।।राहुलनाथ।।
भिलाई,36 गढ़

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें