शनिवार, 21 जनवरी 2017

संकटमोचन हनुमान अष्टक के पाठ से समस्याओं से मुक्ति पाए


संकटमोचन हनुमान अष्टक के पाठ से समस्याओं से मुक्ति पाए

संकटमोचन हनुमानाष्टक 

बाल समय रबी भक्षी लिए तब 
तीनहु लोक भयो अंधियारो | 
ताहि सों त्रास भयो जग को 
यह संकट काहु सों जात ना टारो || 
देवन आनि करी बिनती तब 
छाडी दियो रबी कष्ट निवारो | 
को नहीं जानत है जग में 
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||१|| 

बाली की त्रास कपीस बसै गिरी 
जात महाप्रभु पंथ निहारो | 
चौंकी महामुनि शाप दियो तब 
चाहिए कौन बिचार बिचारो || 
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु 
सो तुम दास के सोक निवारो | 
को नहीं जानत है जग में 
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||२|| 

अंगद के संग लेन गए सिय 
खोज कपीस यह बैन उचारो | 
जीवत ना बचीहौ हम सु जु 
बिना सुधि लाए इहाँ पगु धारो || 
हेरी थके तट सिन्दू सबै तब लाय 
सिया-सुधि प्राण उबारो | 
को नहीं जानत है जग में 
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||३|| 

रावन त्रास दई सिय को सब 
राक्षसी सों कहि सोक निवारो | 
ताहि समय हनुमान महाप्रभु 
जाय महा रजनीचर मारो || 
चाहत सिय असोक सों आगे सु 
दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो | 
को नहीं जानत है जग में 
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||४|| 

बाण लाग्यो उर लछिमन के तब 
प्राण ताजे सूत रावण मारो | 
लै गृह बैध सुषेन समेत 
तबै गिरी द्रोण सु बीर उपारो || 
आनि सजीवन हाथ दई तब 
लछिमन के तुम प्राण उबारो | 
को नहीं जानत है जग में 
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||५|| 

रावन जुद्ध अजान कियो तब 
नाग की फाँस सबै सिर डारो | 
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल 
मोह भयो यह संकट भारो | 
आनि खगेस तबै हनुमान जु 
बंधन काटी सुत्रास निवारो | 
को नहीं जानत है जग में 
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||६|| 

बंधू समेत जबै अहिरावन 
लै रघुनाथ पटल सिधारो | 
देबिहिं पूजी भली बिधि सों बलि 
देउ सबै मिली मन्त्र बिचारो ||
जाय सहाय भयो तब ही 
अहिरावन सैन्य समेत सँहारो | 
को नहीं जानत है जग में 
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||७|| 

काज किये बड देवन के तुम 
बीर महाप्रभु देखि बिचारो | 
कौन सो संकट मोर गरीब को 
जो तुमसों नहीं जात है टारो || 
बेगी हरो हनुमान महाप्रभु 
जो कछु संकट होय हमारो 
को नहीं जानत है जग में 
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||८|| 

दोहा – 
लाल देह लाली लसे, अरु धरी लाल लंगूर | 
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सुर ||

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