श्रीनाथ सिद्ध योगियो की नादि जनेऊ।।।
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इसमें मुख्य रूप से पांच घटक है।
प्रथम-ऊँन का जनेऊ,
द्वितीय:-गोल रिंग,जो पवित्री/पवित्रता शक्ति कहलाती है जो ॐ कार के ऊपर स्थित अर्धमात्रा चिदानंदा पराशक्ति का स्वरूप है।
तृतीय:-मूंगा-ये प्रतिक है ॐ कार में स्थित "अ"कार ,रजोगुणी(राजस्)संसार उत्पत्ति एवं ब्रह्मग्रंथि ब्रह्मानंद ,ब्रह्मा जी का ,जो इस संसार की उत्पत्ति का कार्य कर रहे है।
चतुर्थ:-स्फटिक,ये प्रतिक है ॐ कार में स्थित "उ"कार,सत्वगुणी(सात्विक),जो संसार स्थिति पालन एवं विष्णु ग्रंथि महानंद भगवान विष्णु जी का ,जो संसार के पालन हार है।
पंचम:-रुद्राक्ष,ये प्रतिक है ॐ कार में स्थित "म"कार तमोगुणी(तामस),जो संसार के संहार एवं रूद्र ग्रंथि कैवल्यआनंद भगवान् शिव जी का,जो अंत में संसार का संहार करते है।
षष्टम:-नादि-नाद-बिंद-बिंदी,श्री नाथ सिद्धो की (नाद)बिंद, जो प्रतिक है ॐ कार में स्थित बिंदु का ,जो चंद्र के ऊपर रहता है।यह प्रतिक है समाधि में ॐ कार के दर्शन,ज्ञान प्राप्ति एवं समाधि में शुन्य अवस्था का।
विशेष इस प्रकार ये सम्पूर्ण नादि ॐ कार स्वरूप है।
उपरोक्त दी गई सम्पूर्ण जानकारी गुरुदेव द्वारा प्रदान की गई है।
©श्रीनाथ सिद्धो की शंखढाल,श्री गुरुदेव योगि विलासनाथजी कृत।।ॐ गुरूजी शिवगौरस आदेश
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।। राहुलनाथ।।™
भिलाई,छत्तीसगढ़,भारत
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🚩🚩🚩जयश्री महाँकाल 🚩🚩🚩
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