मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

एक आध्यात्मिक प्रयास

एक आध्यात्मिक प्रयास ...इस पोस्ट को एक बार अवश्य पढ़े
मित्रो ये तंत्र मंत्र विद्या और जादू टोना इन दोनों में बहुत बड़ा भेद है इन मंत्रों और तंत्रो को सीखने के लिए बहुत लोगो से धोखा खाया है मैंने ,अब बस ,अब ये समझे विशवास करे मैं आपको सीखा सकता हु समझा सकता हु किन्तु सिखने वाला भी तो मिलना चाहिए ,किसी के अहित करने की इच्छा कभी आपको ये गुह्य विद्या सीखा नहीं सकती,बचपन में पिता के जेब से पैसे चोरी करके इन तथाकथित गुरुओं को मैंने समर्पित कर दिए ,बदले में पिता की मार मिली ,किन्तु इन गुरुओं का कुछ नहीं बिगड़ा,ये गुरु ही थे या नहीं पता नहीं ये मुझे .......धंधा सीखा रहे थे।नही हुआ ऐसा ...खोज बाहर चलती रही किन्तु कुछ ना मिला जिस दिन खोज ख़त्म हुई उस दिन भीतर देखने का मौका मिला बस,अब किसी की गुलामी नहीं ,ना गुरु बनना है ना चेला ,अब बनना है सेवक एक दास ,जो आपकी आध्यात्मिक प्यास को बुझा सके ,,,खुल कर प्रश्न करे उत्तर आता होगा तो अवश्य बताऊंगा यदि नहीं आता हो तो तलाश कर बताऊंगा ।किन्तु ना किसी बंधन में आप मुझसे बंधे ना मुझे किसी बंधन में बांधे आपसे निवेदन है।
प्रश्न करे तब तक करे जब तक प्रश्नों का भण्डार समाप्त ना हो जाए किसी की अवहेलना ना करे ,किसी धर्म की ,ना संप्रदाय की ,ना जुड़े ना मुझे जोड़े ,,,मात्र खोजे अपने भीतर नहीं मिलेगा तो किसी अन्य के भीतर मिलेगा किन्तु स्मरण रहे मैं और तुम दोनों भीतर से एक है,जुड़े हुए है इसी लिए प्रश्न करने में भेद ना करे।।।

*****जयश्री महाकाल****
******राहुलनाथ********
(व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार )
भिलाई,छत्तीसगढ़+919827374074(whatsapp)
फेसबुक पेज:-https://www.facebook.com/rahulnathosgybhilai/
***********************************************
।। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति।।
***********************************************
चेतावनी-इस लेख में लिखे गए सभी नियम,सूत्र,तथ्य हमारी निजी अनुभूतियो के स्तर पर है।विश्व में कही भी,किसी भी भाषा में ये सभी इस रूप में उपलब्ध नहीं है।अत:इस लेख में वर्णित सभी नियम ,सूत्र एवं व्याख्याए हमारी मौलिक संपत्ति है। 
हमारे लेखो को पढने के बाद पाठक उसे माने ,इसके लिए वे बाध्य नहीं है।हमारे हर लेख का उद्देश्य केवल प्रस्तुत विषय से संबंधित जानकारी प्रदान करना है।किसी भी सिद्धि साधना को गंभीरता पूर्वक व सोच समझकर अथवा इस विषय के किसी प्रकांड विद्वान से परामर्श करके ही आरंभ करें। किसी गंभीर रोग अथवा उसके निदान की दशा में अपने योग्य विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श ले।बिना लेखक की लिखितअनुमति के लेख के किसी भी अंश का कॉपी-पेस्ट ,या कही भी प्रकाषित करना वर्जित है।न्यायलय क्षेत्र दुर्ग छत्तीसगढ़
(©कॉपी राइट एक्ट 1957)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें