बारह राशियों के अक्षर एवं वैदिक-शाबर मंत्र संग्रह
राशि अक्षर |
मेष राशि - चू,चे,चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.
वृष राशि- ई, उ,ए, ओ, वा,वी, वू,वे, वो.
मिथुन राशि - का, की, कू,घ,ड,छ,के, को, ह.
कर्क राशि - ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू,डे,डो.
सिंह राशि- मा, मी,मू,मे,मो,टा,टी, टू, टे.
कन्या राशि- टो,प,पी, पू,ष,ण,ठ,पे, पो.
तुला राशि - रा, री, रू,रे, रो, ता,ती, तू, ते.
वृश्चिक राशि - तो, ना, नी,नू,ने, नो, या, यी,यू.
धनु राशि - ये, यो, भ,भी, भू, ध,फ,ढ,भे.
मकर राशि- भो,जा, जी, खी,खू,खे, खो, ग,गी.
कुंभ राशि - गू, गे,गो, सा, सी, सू,से, सो, द.
मीन राशि - दी, दू,थ,झ,ञ,दे, दो, चा,ची अक्षर आते हैं.
01*मेष राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नमः ||
**साबर मंगल मंत्र**
ll ओम गुरूजी मंगलवार मन कर बन्दा,जन्ममरण का कट जावे फन्दा।जन्म मरण का भागे कार।तो गुरू पावूं मंगलवार। मंगलवार भारद्वाज गोत्र,रक्त वर्ण दस हजार जाप अवन्तिदेश।दक्षिण स्थान त्रिकोण मंडल तीन अंगुल,वृश्चिक मेष राशि के गुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे।पान फूल वासना सिंहासन धरै।तो इतरो काम मंगलवार जी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
02*वृष राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ गोपालाय उत्तर ध्वजाय नमः ||
**साबर शुक्र मंत्र**
ओम गुरू जी शुक्रवार शुक्राचार।मन धरो धीर। कोई नर नारी वीर।नौ नाड़ी बहत्तर कोठा की रक्षा करे।शुक्रवार भार्गव गोत्र, श्वेत वर्ण सोलह हजार जाप,भोजकट देशपूर्व स्थान,
पंचकोण मंडल ९ अंगुल वृष तुला राशि के गुरू को नमस्कार।
सत फिरे तो वाचा फिरे।पान फूल वासना सिंहासन धरे।
तो इतरो काम शुक्रवार जी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
03*मिथुन राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ क्लीं कृष्णाय नमः ||
**साबर बुद्ध मंत्र**
ll ओम गुरूजीबुधवार बुध लेकर जूंझे।पॉंच पचीस ले घट में चढ़े। निसाण घुरावे।आवागमन मेंकदे नआवे।।बुध करो शुद्ध,घर सगत पाणी भरे,। बुधवार अत्रि गोत्र,पीत वरण चार हजार जाप मगहद देश,ईशान कोण स्थान।बाणाकारमंडल ४
अंगुल।कन्या मिथुन राशि के गुरूको नमस्कार।।सत फिरे तो वाचाफिरे।। पान फूल वासना सिंहासन धरै।तो इतरो काम बुधवार जी महाराज करे।। ओम फट् स्वाहा ll
04*कर्क राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ हिरण्य गर्भाय अवयक्त रुपिणे नमः ||
**साबर चंद्र मंत्र**
ll ओम गुरूजी सोमवार मनलागी सेन।निरमल काया,पाप न पुण्य अमर बरसाया।जस नजर सोमवार करे।सोमवारअत्रि गोत्र श्वेत वर्ण ग्यारह हजार जाप। जमुना तट देश अग्नि स्थान,चतुर्थ मंडल ४ अंगुल।कर्क राशि के गुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे,पानफूल वासना सिंहासन धरे।तो इतरो काम सोमवार जी महाराज करे।ओम फट् स्वाहा l
05*सिंह राशी का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ क्लीं बह्मणे जगदा धाराय नमः ||
**साबर सूर्य मंत्र**
ll ओम गुरूजी दीत दीत महादीत।दूत सिमरू दसो द्वार।
घट मे राखे घेघट पार तो गुरू पावूं दीतवार।दीतवार कश्यप
गोत्र,रक्त वर्ण जाप सात हजार कलिंग देश मध्य स्थान वर्तुलाकार मंडल १२ अंगुल सिंह राशि के गुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे,पीन फूल वासना सिंहासन
धरे, तो इतरो काम दीतवार जी महाराज करेओम फट् स्वाहा
06*कन्या राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ नमो प्रीं पीताम्बराय नमः ||
**साबर बुद्ध मंत्र**
ll ओम गुरूजीबुधवार बुध लेकर जूंझे।पॉंच पचीस ले घट में चढ़े। निसाण घुरावे।आवागमन मेंकदे नआवे।।बुध करो शुद्ध,घर सगत पाणी भरे,। बुधवार अत्रि गोत्र,पीत वरण चार हजार जाप मगहद देश,ईशान कोण स्थान।बाणाकारमंडल ४
अंगुल।कन्या मिथुन राशि के गुरूको नमस्कार।।सत फिरे तो वाचाफिरे।। पान फूल वासना सिंहासन धरै।तो इतरो काम बुधवार जी महाराज करे।। ओम फट् स्वाहा ll
07*तुला राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ तत्व निरंजनाय तारकरामाय नमः ||
**साबर शुक्र मंत्र**
ओम गुरू जी शुक्रवार शुक्राचार।मन धरो धीर। कोई नर नारी वीर।नौ नाड़ी बहत्तर कोठा की रक्षा करे।शुक्रवार भार्गव गोत्र, श्वेत वर्ण सोलह हजार जाप,भोजकट देशपूर्व स्थान,
पंचकोण मंडल ९ अंगुल वृष तुला राशि के गुरू को नमस्कार।
सत फिरे तो वाचा फिरे।पान फूल वासना सिंहासन धरे।
तो इतरो काम शुक्रवार जी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
08*वृश्चिक राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ नारायणाय सुरसिंहाय नमः ||
**साबर मंगल मंत्र**
ll ओम गुरूजी मंगलवार मन कर बन्दा,जन्ममरण का कट जावे फन्दा।जन्म मरण का भागे कार।तो गुरू पावूं मंगलवार। मंगलवार भारद्वाज गोत्र,रक्त वर्ण दस हजार जाप अवन्तिदेश।दक्षिण स्थान त्रिकोण मंडल तीन अंगुल,वृश्चिक मेष राशि के गुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे।पान फूल वासना सिंहासन धरै।तो इतरो काम मंगलवार जी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
09*धनु राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ श्रीं देवकृष्णाय ऊर्ध्वषंताय नमः ||
**साबर गुरु मंत्र**
ll ओम गुरूजी बृहस्पतिवार मनमें बसे।पांचो इन्द्रिय बस मे करे।सो निशि घर उग्या भाण। ध्यावो बृहस्पतिवार गंगाका है
सिनान।बृहस्पतिवार अंगिरा गोत्र,पीत वरण उन्नीस हजार जाप सिन्धुदेश उत्तरस्थान, चतुर्थ मंडल ६ अंगुल।धनु मीन राशि केगुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे।पान फूल वासना सिहासन धरे तो इतरो काम बृहस्पतिवारजी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
10*मकर राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ श्रीं वत्सलाय नमः ||
**साबर शनि मंत्र**
llओम गुरूजी थावर वार।थावर आसन थरहरो। पॉंच तत्व
की विद्या करो पॉंच तत्व का साधो करो विचार।तो गुरू पावूं थावर वार शनिवार कश्यप गोत्र कृष्ण वर्ण तेईस हजार जाप सोरठ देश पश्चिम स्थान धनुषाकार मंडल,तीन अंगुल़,मकर कुम्भ राशि के गुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे,पान फूल वासना सिंहासन धरे।तो इतरो काम थावर जी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
11*कुम्भ राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नमः ||
**साबर शनि मंत्र**
llओम गुरूजी थावर वार।थावर आसन थरहरो। पॉंच तत्व
की विद्या करो पॉंच तत्व का साधो करो विचार।तो गुरू पावूं थावर वार शनिवार कश्यप गोत्र कृष्ण वर्ण तेईस हजार जाप सोरठ देश पश्चिम स्थान धनुषाकार मंडल,तीन अंगुल़,मकर कुम्भ राशि के गुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे,पान फूल वासना सिंहासन धरे।तो इतरो काम थावर जी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
12*मीन राशि का वैदिक मन्त्र-
।।ॐ क्लीं उद् धृताय उद्धारिणे नमः ||
**साबर गुरु मंत्र**
ll ओम गुरूजी बृहस्पतिवार मनमें बसे।पांचो इन्द्रिय बस मे करे।सो निशि घर उग्या भाण। ध्यावो बृहस्पतिवार गंगाका है
सिनान।बृहस्पतिवार अंगिरा गोत्र,पीत वरण उन्नीस हजार जाप सिन्धुदेश उत्तर स्थान, चतुर्थ मंडल ६ अंगुल।धनु मीन राशि केगुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे।पान फूल वासना सिहासन धरे तो इतरो काम बृहस्पतिवारजी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
ग्रहों और राशि के अनुरुप यदि कोई भी व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार उससे मंत्रों का जाप किया जाए तो व्यक्ति को अपनी अनेक समस्याओं और परेशानियों से काफी हद तक तक मुक्ति मिल सकती है. मंत्र पाठ से व्यक्ति हर प्रकार के संकट से मुक्त और आर्थिक संपन्नता को पाता है. राशि-मंत्र का नित्य 108बार जप करने से मंत्र सिद्धि में सहायता मिलती है. इसकी ऊर्जा द्वारा विकास का मार्ग प्रशस्त होता है.साबर मंत्रो में जाप की संख्या लिखी हुई है
*****जयश्री महाकाल****
******राहुलनाथ********
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।। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति।।
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(©कॉपी राइट एक्ट 1957)
bhaishree pranam . kanya rashi ke swami budh ka shabar mantra bhi roz padh sakte hain kya ?
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