रविवार, 28 अगस्त 2016

कार्य-सिद्धि हेतु गणेश शाबर मन्त्र

कार्य-सिद्धि हेतु गणेश शाबर मन्त्र
“ॐ गनपत वीर, भूखे मसान, जो फल माँगूँ, सो फल आन। गनपत देखे, गनपत के छत्र से बादशाह डरे।

राजा के मुख से प्रजा डरे, हाथा चढ़े सिन्दूर।

औलिया गौरी का पूत गनेश, गुग्गुल की धरुँ ढेरी,

रिद्धि-सिद्धि गनपत धनेरी। जय गिरनार-पति।

ॐ नमो स्वाहा।”

*******************************************************
पोस्ट की सिद्धि-साधना एवं पूजा विधि जानने के लिए हमसे संपर्क करे
*******************************************************
||मेरी भक्ति गुरु की शक्ति,फुरो मंत्र ईश्वरो वाँचा||

।।राहुलनाथ ।।
{साधक,ज्योतिष,वास्तु ,एवं आध्यात्मिक लेखक}
www.osgy.in
फेसबुक पेज:-https://m.facebook.com/kawleyrahulnathosgy/?ref=bookmarks
भिलाई,छत्तीसगढ़ +919827374074(whatsapp)
*******************************************************
चेतावनी-हमारे हर लेख का उद्देश्य केवल प्रस्तुत विषय से संबंधित जानकारी प्रदान करना है लेख को पढ़कर कोई भी प्रयोग बिना मार्ग दर्शन के न करे ।हमारा उद्देश्य केवल विषय से परिचित कराना है। किसी गंभीर रोग अथवा उसके निदान की दशा में विशेषज्ञ से परामर्श ले। साधको को चेतावनी दी जाती है की वे बिना गुरु निर्देशन के साधनाए ना करे। अन्यथा प्राण हानि भी संभव है। यह केवल सुचना ही नहीं चेतावनी भी है।बिना लेखक की लिखितअनुमति के लेख के किसी भी अंश का कॉपी-पेस्ट ,या कही भी प्रकाषित करना वर्जित है।न्यायलय क्षेत्र दुर्ग छत्तीसगढ़
(©कॉपी राइट एक्ट 1957)

*******************************************************
||जयश्री महाकाल ।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें