रविवार, 17 जुलाई 2016

||तंत्र-मंत्र एवं काले जादू से सुरक्षा एवं सावधानियाँ||

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||तंत्र-मंत्र एवं काले जादू से सुरक्षा एवं सावधानियाँ||
क्या आप जानते है? की आपका एक बाल जब आपके शरीर से टूटता है तो भी वह 72 दिन तक आपसे जुड़ा रहता है?
जयश्री महाँकाल ...ॐ गुरूजी शिवगौरस आदेश।
मित्रों आज के आधुनिक युग में तंत्र मंत्र काल जादू इत्यादि को सिरे से नकारने वाले बहुत व्यक्ति है तो इसे मानने वाले भी बहुत अधिक संख्या में है।
आज के युग में मानव को मुर्ख बनाकर एक साबुन की टिकिया भी बेचना असंभव है ऐसे में तंत्र आज तक संसार में आपने पैर जमाये हुए है इसका मतलब कही ना कही सत्यता तो है।बस आवश्यकता है इस विद्या का दमन होने के पहले इसे सम्हालने की।क्योकि भगवान महादेव महाकाल शिव ने इस विद्या का आविष्कार संसार के हित में,दुखियो के दुखो को दूर करने किया था किन्तु कालान्तर में यह विद्या भेषिये,व्यभिचारी और नकली तांत्रिक मांत्रिको के हाथ की कठपुतली बन कर रह गई और सामान्य जन को इसका लाभ ना हो सका।ये विद्या कुछ लोगो की बपौती बन गई,कुछ गुरु-शिष्य परम्परा में छुपा दी गई बाकी रही सही कसर मुद्रण एवं प्रकाशको ने गलत छाप कर पूरी कर दी।और तो और कुछ उच्च कोटि के ब्राह्मण भी इस विद्या के वशीकरण से बच ना सके।जो बुद्धिजीवी इस विद्या को जान गए उनका निर्णय समाज के कल्याणार्थ इस विद्या को लुप्त हो जाना ही सही रहा।कम से कम सीधे साधे मासूम लोगो के साथ खिलवाड़ तो ना हो पाये।किन्तु ऐसा भी नहीं हो पाया।
इस विद्या के सत्य को जानने वालो की संख्या मात्र अङ्गुलियो पे गिनी जा सकती है।फेसबुक के उपलब्ध सिद्ध तांत्रिक मांत्रिक और वशीकरण स्पेसलिस्ट बाबा ,जो इस विद्या के जानकार अपने आप को बताते है उनसे विनती है की वे कम से कम।रुई के फाये को मंत्र या तंत्र शक्ति से हिला के ही दिखा दे।
इस विषय पे बहुत सी बाते लिखी जा सकती है किन्तु हमारा विषय आपको भटकाना नहीं बल्कि सत्य से परिचित करवाना है ।इस विद्या में जब तक आपके शरिर से स्पर्श वस्तु जैसे आपके बाल,पैरो की धूल,अंगूठी,बिछिया,रुमाल,झूठा खाना ,बिना धुले कपडे ,स्त्रियों के मासिक धर्म में उपयोग की गई वस्तु,गृहस्त के आपसी सम्बन्ध में युक्त होने वाली वस्तुए या फिर आपका थूक-रज-वीर्य इत्यादि न मिल पाने की अवस्था में ये क्रियाएँ आपके लिए नहीं की जा सकती।इसीलिए सावधान रहे!
इस विद्या को सिखने वाले अक्सर अपने आस पड़ोस या मित्रों के ऊपर ये क्रियाएँ संपन्न करते है।या फिर आपका अज्ञात शत्रु आपका मित्र बनकर इन वस्तुओ का संग्रह कर ये क्रियाएँ खुद करता है या इन वस्तुओ को किसी जानकार को दे कर इन क्रियाओ को संपन्न करवाता है ।
ये क्रियाएँ बहुत धीरे कार्य करती है पल भर में कुछ नहीं होता।लगातार परिश्रम करने से कम से कम 9 महीनो का समय तो लगता ही है।
क्या आप जानते है? की आपका एक बाल जब आपके शरीर से टूटता है तो भी वह 72 दिन तक अपनी अवस्था द्वारा शोषित सामग्री से ,अपने गुण धर्मो को आपमें प्रेषित कर सकता है।इस ज्ञान को जानकार ही इन बालो एवं अन्य सामग्रीयों पे काला जादू किया जाता है।इसकी सम्पूर्ण विधि यहाँ समाज के कल्याणार्थ नहीं दी जा रही है ।किन्तु ये सत्य है की इस बाल को यदि किसी ज्वलन शील पदार्थ जैसे मदिरा,पेट्रोल इत्यादि में डूबा कर इस क्रिया को किया जा सकता है।इसमें बालो की जड़ को जवलन शील पदार्थ में रखना होता है और दुसरा हिस्सा वायु में लटकता रहता है और लगातार अपनी ऊर्जा उस व्यक्ति की ओर प्रेषित करता रहता है जिसका वो बाल होता है। अतः आप सभी मित्रों से निवेदन है की अपनी सुरक्षा स्वयँ करे।ऊपर दि गई सामग्री कभी भी किसी के हाथ न पड़ने दे।बालो को एवम् बाकी सामग्री को  पानी में ठंडा कर दे यदि वे आपके लिए आवश्यक नहीं है तो।
पुराने कपडे दान देने के पहले अच्छी तरह से धो ले जिससे की उस कपडे से आपके पसीने की बदबू मीट सके।
कुछ लोग फोटो द्वारा सम्मोहन कर भी इस तरीके के कृत्य करते है किन्तु ये तंत्र का नहीं हिप्नोटिस्म का विषय है।वैसे भी आज कल फेसबुक के माध्यम से फोटो आसानी से उपलब्ध हो जाती है ऐसे में आपको चाहिए की आप अपनी फोटो कुछ ऐसी मुद्रा में खिंचवाए जिसमे आपके आँखे कैमरे को ना देखती हो।और इससे भी अच्छा होगा यदि आप अपनी औरा को सबल करे एवं नित्य सुरक्षा कवच को पाढ़ कर धारण करे।इन कवचों की श्रेणी में मुख्यतः गुरुदत्त कृत वज्रकवच,हनुमान कवच,नरसिंह गायत्री,काली कवच इत्यादि है।इन कवचों का पाठ प्रातः एवं संध्या खड़े हो कर करना चाहिए।कवच के देवता को सप्ताह में एक बार मंदिर में जा कर फल,फूल नैवेद्य से तृप्त कर आशीर्वाद लेना चाहिए।हमारी ये पोस्ट इस ज्ञान के सागर में तिनके के समान है जिसे आप तक पहचाना हमारा धर्म ही नहीं कर्त्तव्य भी है।ऐसा ज्ञान ही किस कार्य का जो हमारे साथ साथ ही कफ़न दफ़न हो जाए ।इस पोस्ट को पूर्ण समझते हुए मित्रों से आशा हम आशा करते है की इस विषय को सिखने या करने हेतु हमसे संपर्क ना करे।
तो मित्रों अपनी सावधानी रखे ।अपना सम्मान करे क्योकि ईश्वर ने आपमें भी वही सब शक्तियाँ दे रखी है जो सामाजिक एवम् असामाजिक दोनों के  पास है।।
(व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार )

󾬢󾬢󾬢जयश्री महाँकाल 󾬢󾬢󾬢
Kawley rahulnaath osgy
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चेतावनी-हमारे हर लेख का उद्देश्य केवल प्रस्तुत विषय से संबंधित जानकारी प्रदान करना है लेख को पढ़कर कोई भी प्रयोग बिना मार्ग दर्शन के न करे ।क्योकि हमारा उद्देश्य केवल विषय से परिचित कराना है। किसी गंभीर रोग अथवा उसके निदान की दशा में अपने योग्य विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श ले। साधको को चेतावनी दी जाती है की वे बिना किसी योग्य व सफ़ल गुरु के निर्देशन के बिना साधनाए ना करे। अन्यथा प्राण हानि भी संभव है। यह केवल सुचना ही नहीं चेतावनी भी है।
किन्ही स्थानों में शास्त्रीय एवं ज्ञान वर्धक साहित्य का उपयोग आवश्यकतानुसार किया गया है।हमारे लेखो को पढने के बाद पाठक उसे माने ,इसके लिए वे बाध्य नहीं है।इसकी किसी भी प्रकार से चोरी,कॉप़ी-पेस्टिंग आदि में शोध का अतिलंघन समझा जाएगा।

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