पूजा-साधना और साधक की सुरक्षा।।
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किसी भी प्रकार की साधना चाहे वो बड़ी हो या छोटी ,साधक को चाहिए कि वो अपनी सुरक्षा पे सर्व प्रथम ध्यान दे और साधना से पहले सुरक्षा मन्त्रों से या कवचों से अपनी सुरक्षा निश्चित कर ले अन्यथा ,लाभ के स्थान में अनन्य शक्तियों का प्रकोप और दुष्ट शक्तियां साधना में बाधा अवश्य डालती है जिससे भारी हानि होने की संभावना होती है।साधना के समय साधक को चाहिए बडे ही धैर्य, शांत एवं स्थिर मन से अपने गुरु या इष्ट,देवी-देवता पे पूर्ण विश्वास के साथ मन लगाए रखे।
साधना काल मे बहुत से अच्छी बुरी अनुभूतियां होते रहती है जैसे अचानक तेज प्रकाश का दिखाई देना,अचानक तेज या सूक्ष्म ध्वनि का सुनाई देना,अंजान खुशबू का अहसास होना,शरीर मे सिरहन होना,शरीर मे कपकपी होना,स्वयं की वाणी से जोर आवाज निकलना,ऐसा महसूस होना की कोई स्पर्श कर रहा हो,अचानक हँसी या रोना आना,गले के पास अकड़न महसूस होना,कुछ पल के लिए आंखों के सामने अंधेरा छा जाना।किसी प्रकार का संदेश सुनाई देना।इस प्रकार की अनुभूतियों से साधक को विचलित नही होना चाहिए।इसके साथ साथ अपनी साधना को गुप्त रखते हुए साधना का वर्णन किसी के समक्ष नही करना चाहिए।साधक को चाहिए कि वो साधना के पहले साध्य मंत्र को कंठस्त कर ले एवं साधना के समय दीपक चेतन करके अपने समक्ष अपने इष्ट या देवी-देवता का चित्र स्थिर कर पहले अपनी आंखें बंद कर ले फिर आंखों को बस उतना ही खोले की उसे मात्र चित्र या दीपक ही दिखाई दे इनके बाद हल्के स्वर में मंत्र जाप करे।जाप करते करते यदि आंखे बंद हो जाये तो कोई बात नही जाप करते रहे और ऋण की हड्डी को सीधा रखें,आवश्यकता अनुसार आप आधारी का उपयोग भी कर सकते है।
साधक को चाहिए कि अपने गुरु से रक्षा मंत्र धारण कर, साधना के पहले गुरु मंत्र का जाप करते हुए किसी चाकू से अपने चारों तरफ एक घेरा बना ले,जिससे कि दृष्ट एवं आसुरी शक्तियों से आपकी रक्षा हो सके।पोस्ट पसंद आने पे इस विषय पे आगे भी लिखने का प्रयास रहेगा।।
।।क्रमशः।।
🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈*
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#राहुलनाथ ™ भिलाई 🖋️
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#चेतावनी:-इस लेख में वर्णित नियम ,सूत्र,व्याख्याए,तथ्य स्वयं के अभ्यास-अनुभव के आधार पर एवं गुरू-साधु-संतों के कथन,ज्योतिष-वास्तु-वैदिक-तांत्रिक-आध्यात्मिक-साबरी ग्रंथो,
मान्यताओं और जानकारियों के आधार पर मात्र शैक्षणिक उद्देश्यों हेतु दी जाती है।हम इनकी पुष्टी नही करते,अतः बिना गुरु के निर्देशन के साधनाए या प्रयोग ना करे। किसी भी विवाद की स्थिति न्यायलय क्षेत्र दुर्ग छत्तीसगढ़,भारत।
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