शाबर मंत्र सिद्धि रहस्य
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शाबर मंत्र के विषय मे पता नही वो कौन सा महाज्ञानी रहा होगा जिसने ऐसा लिखा है कि मंत्र जैसा जिस भाषा मे लिखा है उसे वैसा ही पढ़े किसी भी प्रकार का मंत्र में संशोधन ना करे,शाबर मंत्र सिद्धि की आवश्यकता नही होती वे स्वयं सिद्ध है,शाबर दीक्षा नही लेनी होती वे सीधे किताबो से पढ़कर सिद्ध किये जा सकते है ।जबकि ये सब मनघडंत बाते है उन लोगो की फैलाई हुई जो किताबो को लिखते है और उनका प्रकाशन करते है,उनका काम है अच्छा सा किताब का मुख्य पृष्ठ बनाना और एक रहस्यमयी चमत्कारी सा नाम किताब का रख देना और फिर आप जब किताब खरीद के पढ़े तो उनमें वही-घिसे पीटे मंत्र आपको मिलेंगे और कही लेखक ये नही कहेगा कि ये साधनाये उसने की है।बस धीरे-धीरे चमत्कारी रहस्मयी शक्तियों का प्रलोभन दे कर ,जूठी कहानियां बता कर ,अपने मरे गुरु के नाम का सहारा लेकर या फिर अंत मे भगवान शिव का नाम लिख कर ,बाते उनपे डाल दि जाएगी,कि ये गुरु ने कहा था या फिर भगवान शिव ने कहा था,लेकिन इसका उल्लेख नही होगा कि भगवान शिव ने कब किस साहित्य या ग्रंथ या वेद-पुराण में कहा था। ये सब पढ़ कर साधक जीवन भर उल्टे -सीधे मंतर पढ़कर परेशान होता रहता है और उसका विश्वास अध्यात्म और प्रार्थनाओ से उठने लगता है।याद कीजिये जब आप स्कूल में पढ़ते थे तब क्या किताबे नही होती थी?तब आप स्कूल क्यो जाते थे,घर मे ही पढ़ लेना था ,शिक्षक-गुरु की क्या आवश्यकता थी।आशा है मेरा कथन आप समझ गए होंगे।एक किताब में मैने सवर्ण प्रदान करने वाला सिद्ध मंत्र पढ़ा उस मंत्रानुसार मंत्र की देवी साधक को रोज सुबह एक तोला सोना प्रदान करती है भाई जी यदि ऐसा होता तो काहे किताब छाप रहे हो,मगज मारी कर रहे हो ,वही सिद्धि कर लो।सोने की कीमत आज करीब 30,000है तो बैठे बैठे 900000 रुपया महीना और साल का 10,800,000 रुपये का पैकेज हो गया फिर भी भला कोई किताब छापेगा?
जबकि मैंने पाया कि वैदिक मंत्रो से करोड़ो गुना तो साबर मंत्र खतरनाक है साबर तो गलत जपने से साधक के साथ साथ उसकी पूरी पीढ़ी को भी भक्षण करने में सक्षम है।चलिए इसे समझने का प्रयास करते है की साबर मंत्र में गलती कैसे होती है या फिर जान बूझ का गलत छाप या बताया जाता है।शुरुआत करते है छोटी-छोटी गलतियों से।जैसे उदाहरण 1 और 2 देखे।
01."काली काली महाकाली
इंद्र की बेटी ब्रह्मा की साली"
यहां तो इस मंत्र ने पूरी रिश्तेदारी ही बदल दी है जहां इंद्र होना था वहां ब्रह्मा लिखा है जहां ब्रह्मा लिखा हुआ था वहां इंद्र लिखा है
बस अब आप पढ़ते रहो जपते रहो,निश्चित ही परिणाम मिलेंगे फिर वो सकारात्मक या नकारात्मक दोनों हो सकते है।
02.ॐ काली कंकाली,महाकाली के पुत्र,कंकाल भैरव हुक्म हाजिर रहे।मेरा भेजा रक्षा करे।आन बांधू,बान बाँधू।फूल में भेजू,फूल में जाये।कोढ़ी जी पड़े।थर थर कांपे।हल हल हले।गिर गिर पड़े।उठि उठि भागे।बक बक बके।
मेरा भेजा सवा घड़ी।सवा पहर।सवा दिन।सवा मास।सवा वर्ष को बावला ना करे,तो .................की शय्या पे पग धरे।वाचा चुके तो .....सूखे।वाचा छोड़े कुवाचा करे।धोबी की नांद चमार के कुंडे में पड़े।मेरा भेजा बावला ना करे तो .....की नेत्र से आग की ज्वाला कढ़े।सिर की जटा टूट भूमि में गिरे।माता.........की चीर पे चोट पड़े।बिना हुक्म नही मारना।हे काली के पुत्र कंकाल भैरव।फुरे मंत्र ईश्वरोवाचा।सत्य नाम आदेश गुरु का।
अब आपने ऊपर मंत्र पढा ,ध्यान से पढिये और सोचिये आप क्या बोल रहे है?किसको बोल रहे हैकितनी बद्दुआ दे रहे है?और किसको दे रहे है?एक तरफ बोल रहे है कोढ़ी जी पढ़े ,इसका मतलब कोढ़ी मारा हुआ था।और आप कह रहे है वो जिंदा हो जाये फिर जिंदा होने के बाद कोढ़ी थर थर कांपे,हल हल हले।गिर गिर पड़े।उठि उठि भागे।बक बक बके।
हद हो गई अब तो,मरे को चैन से मरने भी नही दे रहे है आप।
फिर आप कह रहे है
मेरा "भेजा"सवा घड़ी।सवा पहर।सवा दिन।सवा मास।सवा वर्ष को बावला ना करे,तो .................की शय्या पे पग धरे।वाचा चुके तो .....सूखे।वाचा छोड़े कुवाचा करे।धोबी की नांद चमार के कुंडे में पड़े।मेरा भेजा बावला ना करे तो .....की नेत्र से आग की ज्वाला कढ़े।सिर की जटा टूट भूमि में गिरे।माता.........की चीर पे चोट पड़े।बिना हुक्म नही मारना।हे काली के पुत्र कंकाल भैरव।फुरे मंत्र ईश्वरोवाचा।सत्य नाम आदेश गुरु का।
फिर एक बार आप ध्यान से पढ़े क्या कह रहे है आप की मेरा "भेजा" सवा घड़ी......आदेश गुरु का। भाई जी "भेजा मतलब दिमाग होता है ब्रेन,बुद्धि समझ गए होंगे आप।
मतलब आप भैरव से कह रहे है कि यदि तू मेरा "भेजा"/दिमाग/बुद्धि अगर बावला(पागल) सवा घड़ी।सवा पहर।सवा दिन।सवा मास।सवा वर्ष को बावला ना करे,तो !हे भैरव तू धोबी की नांद में पड़े,चमार के कुंडे में पड़े और भगवान की आंखों से ज्वाला निकले उनकी जट भूमि गिर जाए।इतना कहने के बाद में फिर अंत मे आप कह रहे है कि हे काली के पुत्र ये मैं नही कहता ये तो ईश्वर का वचन है और गुरु का आदेश है।
अब आपकी इतनी हृदय से की गई ,करुणा मई ,कसम-कोसो से भरी आपकी प्रार्थना जो कि आपने स्वयं के लिए की है तो वो कृपालु भगवान क्यो नही सुनेंगे।अवश्य सुनेंगे और आप बावले भी हो जाएंगे ऐसे में आप प्रार्थना या देवता को दोष ना दे तो अच्छा होगा।।सत्यता ये है कि ऊपर लिखा मंत्र अधूरा है हो सकता है कि जिस समय इस मंत्र का निर्माण जिसने भी किया होगा तब वो पूर्ण ही किया होगा ,किन्तु पहले के काल से शिष्यो को मंत्र कान में दिए जाते रहे है जिन्हें शिष्यो को याद करना होता था और यही परंपरा आज भी चल रही है इसी क्रम में हो सकता है कि मंत्र के कुछ शब्द् भूल गए हो या फिर जान बूझ कर किसी ने ऐसी अपनी प्रवृत्ति के अनुसार किया हो।
पहले कोई आपको बावला करेगा फिर आपका परिवार आपको ठीक करने के लिए समय,श्रम एवं धन खर्च करेगा।इसीप्रकार के बहुत से मंत्र नवीन साधको को कुछ लोग दे देते है।और फिर शुरू होता है उनका उपचार।
मैं ये नही कहता कि सारे साबर मंत्र गलत है ऐसा नही है साबर मंत्रो की शक्ति अपार है किंतु वो गुरुद्वारा प्रदत्त होने चाहिए ,क्योकि गुरु वो जो उस मंत्र को जाप कर उसकी अवस्था एवं साधक की सक्षमता के अनुसार देते है अन्यथा वही हाल होगा जो कि 60 किलो के साधक को 600 किलो के भैसा को उठाने से होगा।
साबर मंत्र में भाव मुख्य होता है और मंत्र में कम से कम उस व्यक्ति,देवी-देवता-इच्छा का उल्लेख तो होना ही चाहिए जो आपकी कामाना है अन्यथा मंत्र साधक के ऊपर चढ़ जाता है।
शाबर मंत्रो को सिद्धि की आवश्यकता नही होती ये भी गलत है शाबर मंत्र उनको सिद्ध नही करने पड़ते जो गुरु मंत्र धारी है एवं दीक्षा में दिए गए मंत्रो का गुरु निर्देशानुसार संख्या में पहले ही जाप कर चुके होते है।सामान्य पाठक को या स्वयंभू साधको को तो इन्हें सिद्ध भी करना पड़ेगा और दीपावली, होली दशहरा आदि में पुनः जाप कर हवन भी करना ही होगा।
ऊपर दिए उदाहरणों से आप समझे कि ऐसे हजारों मंत्र है जो गलत है या पूर्ण नही है या फिर ये भी भगवान शिव/गुरु द्वारा कीलित है।
विशेष:-
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सावधानी के लिये एक बात और बताना चाहूंगा कि जब भी आप।किसी मंत्र का चयन करते है फिर वो साबर हो या वैदिक उसको पहले धीरे-धीरे समझते हुए ,उस मंत्र में उपयुक्त शब्दो को समझने का प्रयास करे ,किन्तु इस प्रयास को 6 बार से ज्यादा ना करे क्योकि 7 वी बार बोला गया मंत्र अवचेतन की भूमि में गड जाता है हमेशा के लिए छप जाता है फिर समय की अनुसार वो प्रतिक्रिया करता है।अतः ऐसे मंत्र का चयन करें जो,सरल हो,छोटा है और जिसका उच्चारण आप सही कर सके।किसी अन्य के अहित के लिए की गई साधना या बद्दुआ/कोस/श्राप पहले देने वाले के मन मे पैदा होती है फिर दूसरे तक पहुचती है ऐसे में जिसने बद्दुआ/कोस दी होती है उसे भी देर-सबेर भुकतान करना ही होता है।
उपयुक्त लेख लिखने से आशय किसी के हृदय को ठेस पहुचाने का नही है मेरा उद्देश्य मात्र आपको सत्य से परिचित करना है।यदि किसी सज्जन को मेरी वाणी से दुख पहुचा हो तो क्षमा करे।
व्यक्तिगत अनुभूति एवं।विचार©₂₀₁₇
।। राहुलनाथ।।™
भिलाई,छत्तीसगढ़,भारत
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********मेरी भक्ति गुरु की शक्ति********
चेतावनी:-इस लेख में वर्णित सभी नियम ,सूत्र,व्याख्याए,एवं तथ्य हमारी निजी अनुभूतियो के स्तर पर है जिसे मानने के लिए आप बाध्य नहीं है।अतः हमारी मौलिक संपत्ति है।विश्व में कही भी,किसी भी भाषा में ये इस रूप में उपलब्ध नहीं है|लेख को पढ़कर कोई भी प्रयोग बिना मार्ग दर्शन के न करे । तंत्र-मंत्रादि की जटिल एवं पूर्ण विश्वास से साधना-सिद्धि गुरु मार्गदर्शन में होती है अतः बिना गुरु के निर्देशन के साधनाए ना करे।बिना लेखक की लिखितअनुमति के लेख के किसी भी अंश का कही भी कॉपी-पेस्ट कर प्रकाषित करना वर्जित है।लेख पसंद आने पे कृपया शेयर करे।न्यायलय क्षेत्र दुर्ग छत्तीसगढ़
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आपशाबर मंत्र को माने या न माने पर हर विद्या अपने मे विलक्षण है
जवाब देंहटाएंवैदिक मन्त्र बीज पर आधारित ह वही जो आप रोज मर्रा में बोलते ह तो फिर ये शोध कीजिये कितना आप रोज में अपना अवचेतन को परेशान करते ह
सत्यनारायण शास्त्री किसी भी प्रकार की समस्या हो आप हमे कोल कर सकते हो जैसे कि लव मैरिज विदेश यात्रा सौतन वा दुश्मन से छुटकारा कारोबार नोकरी व्यापार शीघ्र विवाह या फिर पति-पत्नी प्रेमी-प्रेमिका मे कोई अनवन रहती हो या फिर आप के घर मे कोई बीमार रहता हो आप हमे कोल कर सकते हो सत्यनारायण शास्त्री मोबाइल नंबर 09970992037 (24) घन्टे सेवा उपलब्ध हम आप लोगो से वादा करते हे की आप लोगो का काम (11) से (24) घन्टे के अन्दर पूरा करके दिया जाएगा हम कहते नही करके दिखाते हे भाईयो और बहनो को सूचित किया जाता है की कही भी पैसा फसाने से पहले एक बार जरुर कोल करे हम आप लोगो को उचित रास्ता देंगे और फ्री सलाह भी देगे सत्यनारायण शास्त्री मोबाइल नंबर 09970992037 इस साइट पर लिखा हुआ इस्तेमाल करने से पहले एक बार जरुर कोल करे हम आप लोगो को उचित रास्ता देंगे और फ्री सलाह भी देगे सत्यनारायण शास्त्री मोबाइल नंबर 09970992037.
जवाब देंहटाएंगुरुदेव मैं भी एक साधक हूँ और आपके आशिर्वाद से बहुत सी साधनाएं सम्पन्न कर चुका हूँ। आपका पूरा ब्लॉग पढ़ा कई नई जानकारियां प्राप्त हुई, यहां पर आपका ध्यान मे संबंधित काली शाबर मंत्र की तरफ आकर्षित करना चाहता हूँ जिसमे आपने दावा किया है कि उपरोक्त मंत्र अशुद्ध है एवं आपके अनुसार गलत है, किन्तु आप ने ही 28 अगस्त 2016 की एक पोस्ट में उक्त मंत्र को लिखा है जो कि आपके ही अनुसार अशुद्ध है तो प्रश्न ये उत्पन्न होता है कि उक्त मंत्र का शुद्ध स्वरूप क्या है?
जवाब देंहटाएंजहां तक मुझे शाबर मंत्रों के बारे में ज्ञात है ये सभी अपभ्रंस ही होते हैं क्योंकि ये स्थानीय भाषा मे होते है जो देश काल के अनुसार भिन्न भिन्न होते हैं, शाबर मंत्र हो या वेदोक्त मंत्र सभी जगह भावना ही प्रधान होती है जिसकी जैसी भावना उसको वैसा ही फल प्राप्त होता है इसलिए मेरे अनुसार मंत्र के शाब्दिक अर्थ पर अधिक ध्यान न देते हुए जप की लय एवं जप की भावना पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि किसी को राम राम का जप करने पर भी राम नही मिलते और कोई मरा मरा बोल कर भी राम को प्राप्त कर लेता है। मेरा उद्देश्य खुद को मंत्र विशेषज्ञ साबित करना नही है आपके आलेख में मुझे थोड़ा कंफ्यूज़न नजर आया इसलिये मैंने अपनी टिप्पणी दे दी।
जवाब देंहटाएंYe bhi chor hai,1100 rs main kundali banaake dene walla thaa- nahi diyaa- abe chutiye itni knowkadge hai toh ,bikha ya haraamigiri karke tantra ko badnaam kyun kartaa hai--
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