शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

उत्तर_की_खोज

#उत्तर_की_खोज
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अंधविश्वास,तर्कहीन तथ्य,सुनी-सुनाई बाते या किसी भी किताब में लिखी बातों को अकाट्य सत्य मान लेना उचित नही है।यहां पढ़ना-लिखना और सुनना तो ठीक है किंतु प्रश्न तो बनते ही है।अब यदि प्रश्न बने है तो प्रशनो के उत्तर की भी आवश्यकता होती है। अतः प्रश्न उठाने ही पड़ेंगे और जवाब में दिए गए तर्कों पर भी संतुलित मन से,एकाग्रता से,ध्यान से विचार करना होगा। प्रश्न यदि ईश्वरीय सत्ता पर हो,या वैज्ञानिक सत्ता पे हो तो भी उठाइए,भयभीत ना होइये। जो उत्तर मिल रहे है उन्हें सहमति न दे और भी आंकल करे।
 मन न माने तो मत मानिए उस सत्ता को।किन्तु जब तक सत्य नही समझ आता,उत्तर की खोज में तठस्थ रहे।अवश्य मिलेगा,उत्तर अवश्य मिलेगा।
🙏🏻🚩जयश्री महाकाल🚩🙏🏻
◆◆ #इति_पोस्ट_सम्पूर्णं◆◆

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।। #राहुलनाथ ।।™ (ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्री)
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