रविवार, 16 दिसंबर 2018

नवार्ण मंत्र और मेरी अनुभूति


नवार्ण मंत्र और मेरी अनुभूति
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यह अनुभूति होगी 2006 के आस-पास की।
इस समय मैं देवी चामुंडा के मंत्रो का जाप कर रहा था करीब 78000 जाप हो चुके थे।देवी चामुंडा का नवार्ण मंत्र(ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे) अपने आप मे दिव्य एवं चमत्कारी मंत्र है कुंडलिनी साधना के लिए ए एक अमोघ मंत्र है इस मंत्र के ॐ का न्यास मस्तक शीर्ष पे करके बाकी अक्षरों का न्यास शरीरस्थ अन्य चक्रो पे करके,हर चक्रो पे हर अक्षरों के साथ ध्यान लगाया जाए तो कुंडलिनी शक्ति बहुत जल्दी जागृत हो जाती है यहां बस आपको ध्यान लगाने की कला का ज्ञान होना चाहिए।या फिर आप किसी एक चक्र पे ध्यान लगा कर भी सम्पूर्ण जाप कर सकते है ये आपपे निर्भर करता है कि आप कौन सी विधि का उपयोग करना पसंद करते है।उन दिनों मैं स्वाधिस्ठान चक्र पे साधना कर रहा था जिसकी अधिकृत देवी माँ दुर्गा है।मेरी विधि के अनुसार मैं पहले सारे चक्रो पे 7 माला जाप कर ध्यान लगाकर फिर 7 माला किसी एक चक्र पे ध्यान केंद्रित करता था।
पूजा पाठ पर आधारित उन दिनों में मुझे अधिक समस्या हुई थी समस्या ऐसी थी कि मुझे एक खुशबू आ रही थी बार-बार बहुत ही अलग सी खुशबू थी वो,उसको मैं कभी पहचान नहीं पाया था उस समय तक इसकी खुशबू मुझे नहीं पता थी कि ये किसकी खुशबू है या बदबु और कहा से आ रही थी,एक नया अनुभव था मैं परेशान था सुबह से लेकर रात तक मैं परेशान रहता था। यह कैसी खुशबू है? खुशबू है या बदबू है? मुझे पता नहीं हो रहा था लेकिन ठीक है मैं चलता रहा साधना के पथ पर ।समय अपनी चाल से चलता रहा और में अपनी।अब धीरे धीरे इस खुशबू कहो या बदबु इसके साथ जीना मैंने सिख लिया था।लेकिन एक कहावत है ना कि,जहाँ चाह है वहा राह है ये कहावत अब सिद्ध होने वाली थी मेरे जीवन मे।
उन दिनों हमारे एक मित्र है श्याम जी,जिनका व्यक्तित्व आध्यात्मिक है वे सिवाय आध्यात्मिक सत्संग के किसी अन्य विषय पे बात नही करते,वे इंदौर में रहते है वे मुझसे मिलने भिलाई आए,कुछ 3 दिन वे भिलाई में रहे मेरे पास।एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि चलिए कही रमते है अर्थात घूमने फिरने चलते है। तो हम लोग घूमने निकले । भिलाई में एक चिड़िया घर है यहां पर पशु पक्षियों को पाला जाता है अच्छा है बहुत बढ़िया है सभी पशु-पक्षी-बंदर से लेकर के शेर तक सभी हैं यहां पर। हम चिड़िया घर पहुचे तो पहले तो परिस्थिति सामान्य सी थी किन्तु जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते गए परिस्थिति असामान्य होती गई ,मेरा सिर दर्द हो रहा था असहनीय पीड़ा होने लगी थी अचानक।मैने महसूस किया एक वही खुशबू आ रही थी जो लगातार मुझे परेशान कर रही थी इतने दिनों से,सुबह शाम दोपहर रात मुझे परेशान कर रही थी,पहली बार इस खुशबू कहे या बदबु उसे पास से महसूस किया था मैंने।जैसे जैसे हम आगे बढ़ते गए वो खुशबु भी बढ़ती गई और मेरा सर दर्द भी।अब मैं उस खुशबु की तलाश में उसके पास पहुचने का प्रयास करने लगा था और आज संकल्प भी कर लिया था मैंने की आज नही छोड़ना है रोज रोज रोने से अच्छा एक दिन ही रो लिया जाए।आगे बढ़ते हुए मैंने पाया कि वह खुशबु सिंह के पिंजरे से आ रही थी वह सिंह के पसीने की शायद दुर्गन्ध थी मै हैरान था अचानक सिरदर्द खत्म हो गया था ऐसे महसूस हो रहा था मानो कोई बंधन से मुक्ति मिल गई हो मूलाधार में एक कंपन सा महसूस हुआ जैसे कि गाय को छूने से एक करेंट सा कम्पन्न महसूस होता है ठीक वैसा ही कम्पन्न मूलाधार में महसूस हुआ,मन प्रसन्ता प्राप्त हुई और एक मुस्कुराहट भी पैदा हुई जो बिना कारण के थी।जब हम घर वापस पहुचे तो वो दुर्गन्ध जो इतने दिनों से मुझे परेशान कर रही थी अब वो मुझे नही आ रही थीं।ये एक चमत्कारी अनुभूति थी।
7 दिन के बाद में फिर मैंने कि स्त्री को देखा सपने में,वह शेर पर बैठी हुई थी और मुस्कुरा कर मुझसे कह रही थी कैसा लगा? स्वप्न में, मैंने कहा पता नहीं! तो उसने कहा कि चलते रहो बहुत कुछ अनुभूति और होगी,आनंद लो इसका, महादेव हर जगह हैं और उनका सबको समझाने का अपना तरीका है मैंने प्रणाम किया बहुत सुंदर थी वह स्त्री मतलब बहुत ही ज्यादा सुंदर,किन्तु उनकी आयु की कल्पना करना मुश्किल है ना वो बालिका थी ना पूर्ण रूप से स्त्री!उनकी आयु में पहचान नहीं सकता था। कौन थी? लाल वस्त्र धारी उस गौरवर्ण की देवी को मैं शत-शत नमन करता हूँ।यह समय बहुत लंबा,बहुत ही लंबा समय था वह।इस प्रकार से बहुत सी अनुभूतिया मुझे होती रही है जिसे मैं भविष्य में आपके समक्ष रखूंगा जिससे कि नवीन साधको को मेरी अनुभूतियों से कोई सहायता मिल सके। लेकिन स्मरण यह मेरी व्यक्तिगत अनुभूति है मुझे नहीं पता कि सबके साथ यह होता है या नहीं होता है मेरे साथ हो रहा था।सबके साथ होगा ये आवश्यक नही।हो सकता है कि आपको कोई और अनुभूति प्राप्त हो,बस आवश्यकता है चेतन रहने की ,साक्षी रहने की।
🚩जै श्री महाकाल🚩

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व्याख्याए,एवं तथ्य हमारी निजी अनुभूतियो के स्तर पर है और यहां तांत्रिक-आध्यात्मिक ग्रंथो एवं स्वयं के अभ्यास अनुभव के आधार पर कुछ मंत्र-तंत्र सम्बंधित पोस्ट मात्र शैक्षणिक उद्देश्यों हेतु दी जाती है।जिसे मानने के लिए आप बाध्य नहीं है।तंत्र-मंत्रादि की जटिल एवं पूर्ण विश्वास से  साधना-सिद्धि गुरु मार्गदर्शन में होती है अतः बिना गुरु के निर्देशन के साधनाए ना करे।लेखक किसी भी कथन का समर्थन नही करता | किसी भी स्थिति के लिए लेखक जिम्मेदार नही होगा |
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🚩JAISHRRE MAHAKAL OSGY🚩

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