।।साधको के हित में... साबर मंत्रो की काट।।।।
ॐ गुरूजी शिवगोरक्ष सरकार....JSMOSGY
साबर मंत्र को गुरु मार्ग दर्शन के बिना कीये गए जाप के कारण दुष्प्रभाव हो सकते है सामान्यतः यह कहा जाता है की साबर मंत्र स्वयं सिद्ध होते है जो मिथ्या है।साबर मंत्र स्वयं सिद्ध होते है उनके लिए जो स्वयं सिद्ध हो या जिसने गुरु के आदेश से साबर सिद्धि की हो ।क्योकि गुरु साधक की सक्षमता को देखते हुए ही उसके लिए सही मंत्र का चयन करते है।
सामान्य जन के लिए यह नियम नहीं है।
यदि किसी भगत ने या साधक ने ,इस जानकारी के बिना साबर मंत्रो को सिद्ध करने का प्रयास किया हो और उसे उस मंत्र के दुष्प्रभाव को सहना पड़ रहा हो ,क्योकि साबर मंत्रो की शक्ति न्यूक्लियर बिस्फोट से भी ज्यादा एवं गतिशील होती है।
तो उससे बचने के लिए बहते हुए जल में खड़े हो कर जिस दिशा में जल बह रहा हो उस दिशा में मुख कर ,एक नारियल विसर्जित करे एवं जब तक नारियल आँखों से विलीन ना हो जाए तब तक उस मंत्र का जाप करते रहे जिसका दुष्प्रभाव हो रहा हो एवं प्रयास करे की कम से कम 108 जाप पूर्ण हो।यह क्रिया रविवार या मंगलवार को 11:25 से 12:25 के बीच "अभिजीत" मुहूर्त में जल में खड़े हो कर करे।अघोर एवं श्मशानी मंत्र की काट के लिए जल में ही अपने पूर्ण बालो का भी विलय कर दे।और उस मंत्र में जिस देवता की आन या दुहाई दी गई हो उसको प्रणाम कर नैवेद्य अर्पित करे।
ये जानकारी हमारे गुरुदेव द्वारा दी गई थी ।।
।। श्री गुरुचरणेभ्यो नमः।।
मच्छिन्द्र गोरक्ष गहिनी जालंदर कानिफा।
भर्तरी रेवण वटसिद्ध चरपटी नाथा ।।
वंदन नवनाथ को,सिद्ध करो मेरे लेखो को।
गुरु दो आशिष,हरे भक्तों के संकट को।।
(व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार )
"राहुलनाथ "
{आपका मित्र,सालाहकार एवम् ज्योतिष}
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🚩🚩🚩जयश्री महाँकाल 🚩🚩🚩
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