#झाड़ा_मंत्र_शरीर_रक्षा_हेतु_प्रचण्ड_मंत्र
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०१-
धूम-धूम धूमावती। मसान में रहती, मरघट जगाती।
सूप छानती, जोगनियों के संग नाचती।
डाकनियों के संग मांस खाती।
मेरे बैरी......... का भी तू मांस खाए।
कलेजा खाए, तू लहू पीए, प्यास बुझाए।
मेरे बैरी को तड़पा-तड़पा मार।
ना मारे, तो तोहुं को माता पारबती के
सिन्दुर की दुहाई। कनीपा औघड़ की आन ।
०२-
ॐ आदेश, गुरुजी को आदेश ।
वज्र की कोठड़ी, वज्र किवाड़ा।
वज्र छायों, दसों द्वारा।
गणेश सौंगली, शेष कुण्डा।
ब्रह्मा कुंजी, विष्णु ताला।
भोले शंकर की चौकी, भैरों बलि,
हनुमन्त वीर का पहरेदारा।
जो इस घट-पिण्ड पर करे घाव,
तो शिव-शक्ति की फिरे दुहाई।
मेरी भक्ति, गुरु की भक्ति ।
चले मंत्र, गुरु गोरखनाथ का वाचा फुरे ।
👆ऊपर दिया गया झाड़ा मंत्र बहुत शक्ति शाली है मंत्र को सामान्य रूप से 1या 2 बार पढ़ने से उस मे लिखे शब्दो को ध्यान से पढ़े की मंत्र किस की धारा में जा रहा है।अतः मात्र गुरु आदेश से इस विषय पे आगे बढ़े।
शरीर रक्षा हेतु प्रचण्ड मंत्र
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● ॐ नमः परमात्मने परब्रह्मा मम शरीरं बंधनाये पाहि पाहि कुरु कुरु स्वाहा।
●ॐ नमः परमात्मने अंजनी सुताय हुं हुं हुं मम शरीर बंधनाए रक्षां कुरु कुरु स्वाहा।
● ॐ नमः बज्र का कोठा जिसमें पिंड हमारा पैठा ईश्वर कूंजी ब्रह्मा का ताला मेरे आठों याम का
यती हनुमान रखवाला।
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संकलन कर्ता
।।राहुलनाथ राहुलनाथ।।™
(ज्योतिष-तंत्र-वास्तु एवं अन्य अनुष्ठान-जीवन प्रशिक्षक)
🚪+919827374074(व्हाट्सएपएप)
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☠️ #चेतावनी_डिसक्लेमर:-☠️
इस लेख में वर्णित नियम ,सूत्र,व्याख्याए,तथ्य स्वयं के अभ्यास-अनुभव के आधार पर एवं गुरू-साधु-संतों के कथन,ज्योतिष-वास्तु-वैदिक-तांत्रिक-आध्यात्मिक-साबरी ग्रंथो,लोक मान्यताओं और जानकारियों के आधार पर मात्र शैक्षणिक उद्देश्यों हेतु दी जाती है।इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की हमारी गारंटी नहीं है। इसे सामान्य जनरुचि एवं भविष्य की धरोहर समझ एकत्रीकरण ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।हम इनकी पुष्टी नही करते,अतः बिना गुरु या विशेषज्ञ के निर्देशन के बिना साधनाए या प्रयोग ना करे। किसी भी विवाद की स्थिति न्यायलय क्षेत्र दुर्ग छत्तीसगढ़,भारत।
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