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प्रिय एवं आदरणीय मित्रो,
कभी कभी हम ऐसे दु:ह स्वप्नों को देखते है जिसके कारण ण विचलीत ,व्याकुल एवं भयभीत हो जाता है ,ऐसी अवस्था मे आपको भयभीत या व्याकुल होने की आवश्यकता नही है आपको जो प्रयोग विधी बताई जा रही है उसका उसके अनुसार कार्य सिद्धि करे ,भगवान महाकाल के आशीर्वाद से आपकीं समस्या का समाधान होगा।
विधि:-मंगलवार या रविवार की दोपहर 11:25 से 12:25 (अभिजित मुहूर्त) के काल मे,किसी बड़े वृक्ष जैसे बरगद,जामुन,पीपल आदि ,मुलतः आशय यह है कि वृक्ष कांटे दार नही होना चाहिए ऐसे वृक्ष को एकांत में नारियल,अगरबतरी, जल प्रदान कर अपना दु:ह स्वप्न बता देना चाहिए।स्मरण रहे प्रार्थना ऐसी हो कि आपके होंठ तो हिले किन्तु वाणी आपके कान तक नही पहुचे ।प्रार्थना को बुदबुदाना है।प्रार्थना बोलने के पहले आप मौली धागा से वृक्ष पे गोल रूप से बांधे।धागा एक बंडल ले किसी प्रकार की गांठ ना लगाए।
बस हो गई विधि,इस विधि से चमत्कारी लाभ होता है।
व्यक्तिगत अनुभूति एवं विचार©2022
🙏🏻🚩 @जयश्री महाकाल 🚩🙏🏻
।। राहुलनाथ ।।™
#शिवशक्ति_ज्योतिष_वास्तु_एवं_अनुष्ठान
भिलाई,छत्तीसगढ़, भारत
📞+ 917999870013,+919827374074 (w)
#चेतावनी:-
इस लेख में वर्णित नियम ,सूत्र,व्याख्याए,तथ्य गुरू एवं साधु-संतों के कथन,ज्योतिष-तांत्रिक-आध्यात्मिक-साबरी ग्रंथो एवं स्वयं के अभ्यास अनुभव के आधार पर मात्र शैक्षणिक उद्देश्यों हेतु दी जाती है।जिसे मानने के लिए आप बाध्य नही है ।कृपया अपने विवेक से काम ले ।अतः बिना गुरु के निर्देशन के साधनाए या प्रयोग ना करे।विवाद की स्थिति में न्यायलय क्षेत्र दुर्ग छत्तीसगढ़,भारत,©कॉपी राइट एक्ट 1957)
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