शिव आह्वान मंत्र,स्तुति एवं विसर्जन।।
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ऊँ मृत्युञ्जय परेशान जगदाभयनाशन।
तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवति ।। १।।
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने।
आदि मध्यान्तरूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।२।।
नमस्तस्मै भगवते कैसाचल वासिने।
नमोब्रह्रमेन्द्र रुपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।३।।
त्रयंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनम:।
नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युं विनाशय ।। ४।।
नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च।
नमो भक्तार्ति हन्त्रेच मम मृत्युं विनाशय ।। ५।।
देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम्।
नानाभूतगणान्वितं दिवि पदै: देवै: सदा सेवितम ।। ६।।
अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्यप्रदम।
सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युञजय भावये ।। ७ ।।
||महादेव आह्वान महामंत्र स्तुति: ||
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कैलासशिखरस्यं च पार्वतीपतिमुर्त्तममि।
यथोक्तरूपिणं शंभुं निर्गुणं गुणरूपिणम्।।
पंचवक्त्र दशभुजं त्रिनेत्रं वृषभध्वजम्।
कर्पूरगौरं दिव्यांग चंद्रमौलि कपर्दिनम्।।
व्याघ्रचर्मोत्तरीयं च गजचर्माम्बरं शुभम्।
वासुक्यादिपरीतांग पिनाकाद्यायुद्यान्वितम्।।
सिद्धयोऽष्टौ च यस्याग्रे नृत्यन्तीहं निरंतरम्।
जयज्योति शब्दैश्च सेवितं भक्तपुंजकै:।।
तेजसादुस्सहेनैव दुर्लक्ष्यं देव सेवितम्।
शरण्यं सर्वसत्वानां प्रसन्न मुखपंकजम्।।
वेदै: शास्त्रैर्ययथागीतं विष्णुब्रह्मनुतं सदा।
भक्तवत्सलमानंदं शिवमावाह्याम्यहम्।।
अंत में कपूर का आरती दिखाकर क्षमा प्रार्थना मंत्र पाठ करे।।
क्षमा प्रार्थना मन्त्र
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करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा ।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं ।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व ।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन ।
यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे ।।
और मनोकामना निवेदन कर अक्षत लेकर निम्न मंत्र से विसर्जन करे।।
विसर्जन मंत्र
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गच्छ गच्छ गुहम गच्छ स्वस्थान महेश्वर
पूजा अर्चना काले पुनरगमनाय च।
व्यक्तिगत अनुभूति एवं।विचार©₂₀₁₇
।। राहुलनाथ।।™
भिलाई,छत्तीसगढ़,भारत
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********मेरी भक्ति गुरु की शक्ति********
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