जयमाला तंत्र रहस्य
जयमाला पे तंत्र द्वारा आपका अहित एवं उससे बचाव।।आज हम बात करते हैं माला तंत्र के बारे में,क्या आपने कभी सुना है माला तंत्र क्या होता है माला तंत्र से आशय है वह माला जो आपको धारण कराई जाती है किसी शुभ अवसर पर, सम्मान के अवसर पर,विवाह के अवसर पर । यह माला अपने अंदर बहुत से गुणों को समाहित किए हुए होती है क्योंकि माला धारण करते समय आपका अवचेतन जागृत हो जाता है एवं आपका शीश झुका हुआ होता है।शीश का झुकना मतलब समर्पण एवं स्वीकार करने का भाव।इसी कारण इस माला में स्वीकार करने की शक्ति होती है जो भविष्य में आपको और अधिक मान-सम्मान प्रदान करती है।इस माला को धारण करने के बाद इसे जहां रखा जाता है उसका असर धारण करने वाले पे पड़ता है
इस माला के ऊपर तंत्र करना बहुत ही आसान होता है बहुत से जानकार लो जिस विद्या को जानते हैं वह इस माला को या तो इस स्मशान में गाड़ देते हैं या गड्ढे में गाड़कर उस पर लघुशंका करते हैं या फिर मल-मूत्र में विसर्जन कर देते है कुछ लोग इस माला के अंश को स्वमूत्र के साथ ग्रहण करते है डाकिनिया-शाकिनियाँ एवं तंत्र की जानकार स्त्रियां सामान्य रूप से रोज रोज इसका सेवन करती है। इन सभी विधियों को मंत्रों द्वारा या किसी विशेष प्रार्थना द्वारा किया जाता है
जिससे माला धारण करने वाले का मन कही नहीं लगता है उसका मन उचट जाता है,भीड़ से भय लगने लगता है वैवाहिक जीवन सुख रहित एवं क्लेश युक्त हो जाता है।
क्या कारण है की वे ऐसा करते हैं? कुंठा की दृष्टि से वह नाराज होते हैं वह आपसे चिढ़ते हैं क्योकि वे भी सम्मान चाहते है किंतु गलत सोच एवं कर्मो के कारण वे इस सम्मान से वंचित रहते है इसी कारण वह इस तंत्र को सिद्ध करते हैं इस तंत्र को करने के बाद धीरे धीरे माला धारी का जीवन से घृणा होने लगता है उसका वैवाहिक जीवन खराब होने लगता है।
भगवान शिव ने इस तंत्र का उपयोग समाज के कल्याण के लिए किया है किंतु हो यह सब रहा है क्योकि सिक्के के दो पहलू होते है इसी प्रकार सकारात्मक तंत्र का दूसरा पक्ष नाकारात्मक होता है जिसकी विधि सात्विक से विपरीत होती है।
आपने देखा होगा मेरी हर पोस्ट आपको इस विषय से बचाव का मार्ग दिखाती है इसी कड़ी में आज आप देखेंगे कि माला तंत्र से कैसे बचा जाए,इसका उपाय बहुत ही सामान्य है ऐसी जो भी माला आपको धारण कराई जाए सम्मान की दृष्टि से या फिर विवाह के समय,बस आप इस माला को किसी के हाथ न पड़ने दें जैसे ही आप माला उतारते हैं उसको एक लंबी सांस के साथ में सूंघ ले,उसकी खुशबू को सारे शरीर मे साँस के माध्यम से,भीतर ले जाए ,ऐसा तीन बार करे ,इसके बाद उस माला को बहते पानी मे,जलाशय में या फिर किसी सकारात्मक वृक्ष जैसे बरगद,पीपल,गुड़हल, आदि के वृक्ष पे डाल दे।बस आपकी इतनी सी क्रिया से वो माला अब किसी के काम की नही रहेगी।उसपे अब कोई तंत्र-मंत्र नही हो पायेगा। हमारी छोटी सी गलती हम को भविष्य में पीड़ा दे सकती है वह लोग जिनको कोई सम्मान नहीं मिलता,वे लोग जिनका विवाह नही होता, वह अक्सर सम्मानित लोगों से एवं वैवाहिक लोगो से कुंठा का भाव रखते हैं ऐसे में हमें इस विषय पर थोड़ा सा ध्यान रखना आवश्यक होता है तो ठीक है आगे फिर मिलते हैं नहीं किसी विधि के साथ,जन कल्याण के भावना के साथ,जीव कल्याण के साथ
जागरूक रहें सजग रहे अपना सम्मान करें
एवं समाज कल्याण करें
व्यक्तिगत अनुभूति एवं।विचार©₂₀₁₇
।। राहुलनाथ।।™भिलाई,छत्तीसगढ़,भारत
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🚩🚩🚩जयश्री महाँकाल 🚩🚩🚩
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