गुरु की तलाश ,गुरु-साधना:-शिव के खोजियों का मार्ग
वे साधक एवं भक्त गण जो साधना के मार्ग में प्रशस्त है एवं लगातार गुरु की तलाश कर रहे है और उन्हें गुरु की प्राप्ति नहीं हो रही है ऐसी अवस्था में वे भगवान् "शिव"को गुरु पद प्रदान कर ,भगवान् शिव के नाम से एक कलश स्थापना करे और भगवान् शिव के पंचाक्षरी मंत्र "नमः शिवाय" का सवा लाख जाप करे।यह स्मरण रखने की बात ये है की जाप माला से ना करे।2916 चावल के अखंडित दानो से नित्य जाप 43 दिन तक करे।हर एक मन्त्र के बाद एक एक चावल के दानो को शिव कलश पे अर्पित करते चले।कलश के निचे एक कांसे की परात रखे।परात पे कुमकुम से स्वास्तिक का निशान बना कर ,स्वास्तिक के ऊपर कलश स्थापित करे।कलश पे नित्य चावल समर्पित करने से निश्चित ही चावलों की संख्या कलश पे बढ़ते जाएगी ऐसे में अर्पित चावलों को एक स्थान में एकत्रित करते चले ,अनुष्ठान सम्पूर्ण होने पर आप इन चावल को खिचड़ी बना कर भक्तो में बाँट सकते है या योग्य व्यक्ति को प्रदान कर सकते है।
ऊपर दी गई संख्या 27 माला 43 दिन के अनुसार रखी गई है आवश्यकता अनुसार माला की संख्या और दिनों की संख्या कम या ज्यादा की जा सकती है।इस विषय में कोई प्रशन हो तो कमेंट में लिख सकते है।
यह विशेष साधना मुझे मेरे गुरुदेव ने प्रदान करी थी ।और इस साधना के सकारात्मक प्रभाव को आप स्वयं महसूस कर सकेंगे।
गुरु प्रदत्त व्यक्तिगत अनुभूति©
।।राहुलनाथ।।
+919827374074
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Sir kalash mein rakha jal 5 ya 6 din mein sookh ya kharaab ho jata hai, kya kalash ka jal aur us par lage panch pallav badal sakte hai kuch dino ke antar par
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