काली-शाबर-मन्त्र
“काली काली महा-काली, इन्द्र की बेटी, ब्रह्मा की साली।
पीती भर भर रक्त प्याली, उड़ बैठी पीपल की डाली।
दोनों हाथ बजाए ताली। जहाँ जाए वज्र की ताली, वहाँ ना आए दुश्मन हाली।
दुहाई कामरो कामाख्या नैना योगिनी की,
ईश्वर महादेव गोरा पार्वती की, दुहाई वीर मसान की।।”
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||मेरी भक्ति गुरु की शक्ति,फुरो मंत्र ईश्वरो वाँचा||
।।राहुलनाथ ।।
{साधक,ज्योतिष,वास्तु ,एवं आध्यात्मिक लेखक}
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||जयश्री महाकाल ।।
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